चंडीगढ़: PGI की स्टडी में खुलासा- 70 फीसदी बच्चों को हुआ था कोरोना, मिली एंटीबॉडी

चंडीगढ़. पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) ने बच्चों में एंटीबॉडी पता लगाने के लिए जो सीरो सर्वे (Sero Survey) शुरू किया था, उसके शुरुआती नतीजे चौंकाने वाले हैं. 6 से 18 साल तक के बच्चों के अभी तक 756 सैम्पल के नतीजों में 519 बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है. इसका सीधा मतलब ये है कि पहली और दूसरी वेव में ये बच्चे इन्फेक्ट हुए थे. पीजीआई के मुताबिक, चंडीगढ़ के धनास, मलोया और कजहेरी जैसे कॉलोनी में 73 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है.

इसके अलावा चंडीगढ़ के सेक्टर 22, 36, 11 औऱ 24 जैसे सेक्टरों में बच्चों में 65 प्रतिशत एंटीबॉडी पाई गई है. पीजाईआई ने इस सर्वे में CLIA मशीन का प्रयोग किया है. इससे जल्द ही परिणाम आ जाते है. पीजीआई के वायरोलॉजी डिपार्टमेंट में ये मशीन मौजूद हैं. पीजीआई ने सर्वे के लिए 4 ग्रुप में टीमों को बांटा हुआ है. फील्ड इन्वेस्टिगेटर सैम्पल के लिए घरों में जाते है, जबकि लैब टेक्निशियंस डिपार्टमेंट में अपना काम संभालते हैं.

पीजाईआई ने करना है कुल 2700 सैम्पल का डेटा जमा 
हालांकि, ये अभी शुरुआती नतीजे हैं, क्योंकि पीजाईआई को कुल 2700 सैम्पल का डेटा जमा करना है. संभावित तीसरी वेव के आने से पहले चंडीगढ़ का ये सीरो सर्वे बच्चों के लिए राहत भरा है. पीजीआई के डायरेक्टर जगत राम की मानें तो तीसरी वेव सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि बाकी को भी इफेक्ट करेगी.

अगस्त में तीसरी लहर आने का दावा
बता दें कि SBI रिसर्च की रिपोर्ट में अगस्त में तीसरी लहर आने का दावा किया गया है. ‘कोविड-19: द रेस टू फिनिशिंग लाइन’ नाम से पब्लिश इस रिपोर्ट में कहा गया कि थर्ड वेव का पीक सितंबर में आएगा. कोरोना की स्थिति पर SBI रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया था कि दूसरी लहर का पीक मई के तीसरे हफ्ते में आएगी. 6 मई को भारत में संक्रमण के क़रीब 4,14,000 नए मामले दर्ज किए गए थे. महामारी के दौरान एक दिन में संक्रमितों की ये सबसे अधिक संख्या रही. इस दौरान दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल जैसे बड़े राज्यों में हालात बेहद बुरे हो गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, तीसरी लहर का पीक दूसरी लहर के पीक से दोगुना या 1.7 गुना ज्यादा होगा.

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