सहारनपुर मुख्यालय व तहसीलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन वर्चुअल मोड़ से संपादित किया जाएगा
अब आपको अपने अपने छोटे-छोटे मामलों के लिए वादों के लिए अदालत जाने की जरूरत नहीं यदि आपकी बैंक की रिकवरी है या फिर है जल या बिजली के बिल की समस्या या फिर मोटर दुर्घटना या फिर व्यवहारिक पारिवारिक बाद भी है या उत्तराधिकारी का बाद आप घर बैठे वीडियो कॉल के माध्यम से अपने वाद का निस्तारण पा सकते हैं यह शुरुआत हुई है सहारनपुर में।
सहारनपुर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में सहारनपुर मुख्यालय व तहसीलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन वर्चुअल मोड़ से संपादित किया जाएगा इसमें जिन मामलों में वादी की उपस्थिति आवश्यक नहीं है उनका निस्तारण है मोबाइल या वीडियो कॉल के माध्यम से कर सकते हैं इस संबंध में सभी प्रकार के शमनीय अपराधिक मामले, चेक बाउंस से संबंधित उत्तराधिकारी के बाद बैंक रिकवरी मोटर दुर्घटना संवाद बिजली एवं जल संबंधित वैवाहिक पारिवारिक वाद भूमि सेवानिवृत्ति के परिणामों संबंधित राजस्व तथा अन्य सिविल वादों का निस्तारण किया जा सकता है यह जानकारी आज जिला न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने पत्रकारों को देते हुए बताया कि अदालतों में बहुत सारे हजारों की संख्या में ऐसे मामले हैं जिनका निस्तारण वर्चुअल संवाद द्वारा हो सकता है। इसीलिए इसकी पहल करते हुए कई मामले ऐसे जिनकी संख्या 35000 से भी ज्यादा है उन्हें मोबाइल नंबर या वीडियो कॉल के माध्यम से सुलझाया जा सकता है या समझौता कराया जा सकता है पीठासीन अधिकारी द्वारा पक्षकार के उपलब्ध मोबाइल नंबर द्वारा किया जा सकता है इतना ही नहीं इसका सत्यापन व्हाट्सएप पर भी समझौते के संदर्भ में पक्षकारों की सहमति ली जा सकती है यदि पीठासीन अधिकारी के माध्यम से सूचना संबंधित पक्षकार को दी जायेंगी। और नियत तिथि को समझौते का सत्यापन किया जा सकेगा उन्होंने कहा कि चेक बाउंस के मामले बैंक रिकवरी का मामले मोटर दुर्घटना के मामले बिजली और जल संबंधित मामले राजस्व वाद सर्वाधिक हैं इन मामलों के वर्चुअल संवाद व्हाट्सएप या वीडियो कॉल द्वारा किए जाने से अदालतों में आने वाली भीड़ से भी बचा जा सकेगा कोविड-19 में जहां मास्क का उपयोग सबसे ज्यादा जरूरी है सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है ऐसे में वीडियो कॉल द्वारा मामले निपटाए जाने से इनका पालन ज्यादा बेहतर तरीके से हो सकेगा उन्होंने कहा कि वैवाहिक पारिवारिक बाद भी इसके द्वारा निपटाए जा सकते हैं तलाक के मामलों को छोड़कर। उन्होंने बताया कि 10000 से भी ज्यादा बैंक रिकवरी के बाद हैं जो केवल वीडियो द्वारा निपटाए जाने से अदालतों का भी बाहर कम होगा अन्य दूसरे मामलों में विचार करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा उन्होंने बताया कि यह तो सराहनीय शुरुआत की गई है और वह उम्मीद करते हैं इसका लाभ केवल नगरीय क्षेत्र के वासी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी बेहतर तरीके से उठा सकेंगे।