अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस पर जो बाइडन को पीएम मोदी ने दी बधाई
नई दिल्ली. अमेरिका में रविवार को 245वें स्वतंत्रता दिवस (America Independence Day) का जश्न मनाया गया. इस मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और वहां की जनता को बधाई दी. कूटनीतिक मोर्चे पर पीएम मोदी के इस बधाई संदेश की चर्चा हो रही है. दरअसल पिछले हफ्ते चीन की सरकार ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के शताब्दी समारोह का जश्न मनाया था, लेकिन इस मौके पर भारत की तरफ से चीन को कोई बधाई संदेश नहीं भेजा गया. जबकि अमेरिका को बधाई देने में पीएम मोदी ने कोई देरी नहीं की. आखिर भारत ने ऐसा क्यों किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के खिलाफ बनते खमे के क्या है मायने, उससे पहले एक नज़र डालते हैं पीएम मोदी की तरफ से भेजे गए बधाई संदेश पर.
पीएम मोदी ने अमेरिका को बधाई देते हुए लिखा, ‘अमेरिका के 245वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जो बाइडन और वहां के लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. जीवंत लोकतंत्र के रूप में, भारत और अमेरिका स्वतंत्रता और आजादी के मूल्यों को साझा करते हैं. हमारी रणनीतिक साझेदारी का वास्तव में वैश्विक महत्व है.’
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने एक जुलाई को अपने 100 साल पूरे किए. साल 1921 में पार्टी की स्थापना हुई थी. 72 साल की लंबी लड़ाई के बाद पार्टी को सत्ता में आने का मौका मिला. इस मौके पर भारत सरकार की तरफ से चीन को कोई बधाई संदेश नहीं भेजा गया. कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी चीन को बधाई नहीं दी गई. लेकिन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने चिट्ठी लिख कर CCP को बधाई दी. इस मौके पर उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जमकर तारीफ की. येचुरी ने CCP को ‘क्रिएटिव साइंस ‘कहते हुए लिखा कि इसी के जरिए चीन का विकास हो रहा है.
चीन को संदेश
बता दे कि पिछले करीब 14 महीने से लद्दाख में LAC पर चीन और भारत के सैनिकों के बीच गतिरोध बरकरार है. कई दौर की बातचीत के बाद भी चीन अभी भी पूरी तरह पीछे हटने को तैयार नहीं है. लिहाज़ा अब इस तनाव के चलते भारत उसे बधाई संदेश देने से कतरा रहा है.
वियतनाम को बधाई
खास बात ये है कि इस साल बीजेपी ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी को सालगिरह के मौके पर बधाई दी थी. आखिर भारत ने चीन को बधाई संदेश क्यों नहीं भेजी, इस सवाल के जवाब पर विदेश मंत्रायल के प्रवक्ता ने चुप्पी साध ली. अब देखना ये है कि आने वाले दिनों भारत की तरफ से चीन को किसी खास मौके पर बधाई संदेश भेजी जाती है या नहीं.