मुख्यमंत्री अगले माह कर सकते हैं, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शुभारंभ : सतीश महाना
नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य करीब करीब पूरा हो गया है। ऐसे में अब अगले माह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शुभारंभ सकते हैं। इसके अलावा आगामी सितंबर में 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा।
राज्य के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने यह दावा किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि प्रदेश सरकार की इन्वेस्टर फ्रैंडली नीतियों के चलते उत्तर प्रदेश में देश और विदेश के बड़े निवेशकों ने अपनी फैक्ट्रियां लगाने में रूचि दिखाई है। कोरोना संकट के दरमियान भी तमाम विदेशी कंपनियों जैसे सैमसन, माइक्रोसॉफ्ट समेत देश के बड़े औद्योगिक घरानों ने राज्य में निवेश किया है। अब देश तथा विदेश के बड़े निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश पहली पसंद बन गया है।
राज्य के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बाबत बताया कि 340.824 किलोमीटर लंबे और छह लेन वाले इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा हो गया है। जो छुटपुट काम बचे हैं उन्हें इस माह पूरा कर लिया जाएगा। अगले माह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस एक्सप्रेसवे का शुभारंभ कर सकते हैं। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का कार्य देखने वाले एपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने भी यह बताया कि लखनऊ से लेकर गाजीपुर तक इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। उन्होंने 36,387.17 करोड़ रुपए ही लागत से बनाए जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर 85 प्रतिशत से अधिक भूमि अधिग्रहण की जा चुकी है और 62 हजार से अधिक किसानों को पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक धनराशि इसके लिए दी गई है। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, एवं प्रयागराज तथा इन शहरों के आसपास के प्रमुख निर्यात केन्द्रों को जोड़ेगा। इस गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि सितंबर में इसके निर्माण का कार्य शुरू करने की योजना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके निर्माण का शुभारंभ करेंगे।
राज्य के औद्योगिक निवेश को लेकर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि प्रदेश सरकार ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए तमाम इन्वेस्टर फ्रैंडली नीतियां तैयार कराई हैं। अब राज्य में किसी निवेशक को अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए भूमि पाने में दिक्कत नहीं होती। सरकार ने उद्योगों के लिए लैंड बैंक बनाया है। सरकर के प्रयासों तथा नीतियों से प्रभावित होकर देश तथा विदेश के बड़े-बड़े निवेशक राज्य में अपनी फैक्ट्री लगा रहें हैं। बीते चार वर्षों में यूपीसीडा, नोएडा, ग्रेटर नोयडा, यीडा और गीडा ने 3,908 औद्योगिक भूखंड आवंटित किए हैं। इनके जरिए 61,330.98 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार उन्नाव में मेगा लेदर पार्क, यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे लाजिस्टिक हब तथा हेरिटेज सिटी, यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे टेक्सटाइल पार्क, एमएसएमई पार्क, टॉय सिटी तथा हस्तशिल्प पार्क, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, उन्नाव में ट्रांस गंगा सिटी, कन्नौज में परफ्यूम पार्क, आगरा में थीम पार्क तथा प्रयागराज में सरस्वती हाईटेक सिटी और बरेली में मेगा फ़ूड पार्क बनाने जाने के लिए जमीन आवंटित की गई है। इसके अलावा प्रदेश में डिफेंस कारिडोर बनाया जा रहा।
राज्य में हुए इन्वेस्टमेंट मीट में निवेश संबंधी मिले प्रस्तावों का उल्लेख करते हुए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना तथा औद्योगिक विकास आयुक्त ने बताया कि राज्य में 4.28 करोड़ रुपए के निवेश संबंधी 1045 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनमें से 51,240.25 करोड़ रुपए के निवेश वाले 215 प्रस्ताव जमीन पर उतर चुके हैं, इनमें उत्पादन हो रहा है। जबकि 37,478.63 करोड़ रुपए के 130 निवेश प्रस्तावों के निवेशक अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए निर्माण कार्य करा रहें हैं। इस वर्ष इनमें निर्माण कार्य शुरू को जायेगा। इसके अलावा 86,842 करोड़ रुपए के 449 निवेश प्रस्तावों का निर्माण कार्य अगले वर्ष शुरू होगा। विदेशी कंपनियों के राज्य में विवेश को लेकर बताया गया है कि राज्य में 40 से अधिक विदेशी कंपनियों के प्रस्ताव मिले हैं। कोरोना संकट के दौरान सैमसन और वीवो जैसी तमाम कंपनियों ने राज्य में निवेश किया है।