कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट्स से बचा सकती है Covaxin की बूस्टर डोज: ICMR-NIV
नई दिल्ली. देश भर में लोगों को कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाने के लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination) चल रहा है. इसके तहत कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक वी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई जा रही हैं. इस बीच कोरोना वायरस के नए वेरिएंट भी चिंता बढ़ा रहे हैं. वहीं इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोवैक्सिन की बूस्टर डोज कोरोना वायरस के अलग-अलग वेरिएंट पर असरदार साबित हो सकती है.
एनआईवी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोवैक्सिन की बूस्टर डोज लगाकर से कोरोना वायरस के बदलते वेरिएंट को मात दी जा सकती है. एनआईवी की वैज्ञानिक प्रिया अब्राहम का कहना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ बूस्टर डोज देने को लेकर कुछ देशों में रिसर्च चल रही है. ऐसी ही रिसर्च पर भारत में भी विचार हो रहा है. शोध के अनुसार बूस्टर डोज किसी वैक्सीन की शुरुआती दो डोज के बाद लगाई जानी है. उन्होंने यह भी संभावना जताई है कि शायद इस बूस्टर डोज को नियमित अंतराल जैसे एक साल या दो साल बाद लोगों को आवश्यक रूप से देनी पड़ी.
वहीं सरकार ने मंगलवार को जानकारी दी है कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान में 21 जून से उल्लेखनीय तेजी आई है और आठ दिनों में करीब 4.61 करोड़ खुराकें दी गई हैं जो इराक (4.02 करोड़), कनाडा (3.77 करोड़), सऊदी अरब (3.48 करोड़) और मलेशिया (3.23 करोड़) की आबादी से भी अधिक है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि औसतन प्रतिदिन 57.68 लाख खुराकें दी गयीं जो फिनलैंड (55.41 लाख), नॉर्वे (54.21 लाख) और न्यूजीलैंड (48.22 लाख) की आबादी से अधिक है. देश में 21 जून से प्रभावी कोविड-19 टीकाकरण के नए संशोधित दिशानिर्देश के मुताबिक केंद्र देश में निर्मित 75 प्रतिशत टीका खरीदेग मंत्रालय के अनुसार देश में 18 से 44 वर्ष उम्र वर्ग के करीब 59.7 करोड़ लोगों में से 15 फीसदी को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है. सरकार ने कहा कि देश में अभी तक कुल 33.1 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है. 21 से 28 जून के बीच रोजाना औसत 57.68 लाख लोगों का टीकाकरण हुआ. एक मई से 24 जून के बीच 56 फीसदी खुराक ग्रामीण इलाकों में दी गई, जबकि 44 फीसदी खुराक शहरी क्षेत्रों में लगाई गई.