शराब तस्करों के खिलाफ और सख्त हुई बिहार सरकार, जानिए क्या प्लानिंग
बिहार सरकार (Bihar Government) अब शराब तस्करों (Liquor Smugglers) पर दोहरी कार्रवाई करने के मूड में है. इस बाबत बिहार पुलिस की मद्य निषेध इकाई ने नई रणनीति तैयार की है.अब बिहार पुलिस दूसरे राज्यों के तस्करों का ब्यौरा उनके गृह राज्य में भेजेगी. इसके बाद शराब का ठेका रद्द होगा. देश के दूसरे राज्यों से तस्करी के माध्यम से बिहार में शराब भेजने वाले शराब माफिया अब दोहरी कार्रवाई की जद में आएंगे.
दरअसल बिहार में मद्य निषेध कानून लागू होने के बाद से ही दूसरे राज्यों के 4000 से अधिक शराब तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं. बिहार में मद्य निषेध कानून के तहत उन पर कार्रवाई तो होनी ही है साथ में उनकी अपने गृह राज्य और जिले के थाने में उनके अपराध से संबंधित रिपोर्ट भी बिहार से भेजी जाएगी. इसका मकसद यह है कि उनके राज्य की पुलिस भी उनकी पहचान कर आगे की कार्रवाई कर सके. मद्य निषेध विभाग द्वारा यह प्रस्ताव तैयार किया गया है ताकि शराब की तस्करी पर सख्ती से अंकुश लगाया जा सके.
बिहार में 2016 से लागू है शराबबंदी कानून
बता दें कि बिहार में 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन इसके बावजूद पंजाब हरियाणा, उत्तर प्रदेश,झारखंड,अरुणाचल प्रदेश, बंगाल जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में शराब की खेप बिहार भेजी जाती रही है. बिहार पुलिस की मधनिषेध इकाई ने 2016 से अब तक 4000 से ऐसे शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है जिनका संबंध दूसरे राज्यों से है या वे मूल रूप से दूसरे राज्यों के रहने वाले हैं. मद्यनिषेध कानून के तहत गिरफ्तार तस्करों को जेल भेजने की कार्रवाई की जाती रही है. मगर जेल से छूटने के बाद ऐसे तस्कर दोबारा शराब की तस्करी में लग जाते हैं. ऐसे में इन तस्करों पर कानूनी शिकंजा कसे रहने और अंकुश लगाने के मकसद से मधनिषेध विभाग ने संबंधित जानकारी उनके गृह राज्य जिले और पुलिस को देने का फैसला किया है, ताकि उनकी पहचान सार्वजनिक की जा सके. इसके अलावा बिहार में शराब भेजने वाले जो तस्कर होते हैं वह मूल रूप से शराब के लाइसेंस ठेकेदार रहे होते हैं यह तस्कर अपनी दुकान या फिर ठेके के नाम पर शराब उठाते हैं, लेकिन उसे बड़े दाम पर और पैसे की लालच में बिहार भेज देते हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद जानकारी के अभाव में उनके शराब के ठेके पहले की तरह चलते रहते हैं.
अब शराब लाइसेंस होगा रद्द
बिहार सरकार के नये कदम से अब शराब की तस्करी करना संभव नहीं होगा क्योंकि अब उनके गृह राज्य को सूचना देने के बाद उनके शराब लाइसेंस या फिर उनका जो ठेका होगा, उस पर स्थानीय प्रशासन बिहार से दी गई सूचना पर कार्रवाई करेगा. अभी तक बिहार में 4000 से अधिक तस्करों में सबसे ज्यादा तस्कर बंगाल के पकड़े गए हैं. इनकी संख्या 500 से अधिक है. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, यूपी और झारखंड जैसे राज्यों से भी बड़ी संख्या में शराब तस्कर बिहार मधनिषेध इकाई द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं. मध निषेध इकाई ने ऐसे बाहरी तस्करों की सूची अब तैयार कर ली है और उसे उनसे संबंधित रज्य को भेजने की तैयारी की जा रही है.