बीजेपी ने की डिप्टी सीएम अजीत पवार समेत एक मंत्री के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग
नई दिल्ली. महाराष्ट्र (Maharashtra) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाविकास अघाड़ी सरकार (MVA Government) के खिलाफ सुर तेज कर दिए हैं. शुक्रवार को पार्टी ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Waze) के आरोपों को लेकर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) और परिवहन मंत्री अनिल परब (Anil Parab) के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है. प्रदेश बीजेपी की कार्यकारिणी की बैठक में इस मांग को लेकर प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मंत्री आशीष शेलार की तरफ से इस प्रस्ताव में कहा गया था, ‘एनआईए कोर्ट को लिखे पत्र में वाजे ने आरोप लगाया है कि उसे जबरन वसूली के लिए मजबूर किया गया था. इस दौरान उसने डिप्टी सीएम अजीत पवार और मंत्री अनिल परब का नाम लिया था. सीबीआई को इन दोनों पर लगे आरोपों की जांच करनी चाहिए.’
इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इसके बाद ही सीबीआई की जांच की आंच देशमुख तक भी पहुंची थी. जांच के आदेश दिए जाने के बाद उन्होंने गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. सिंह ने पत्र में आरोप लगाया था कि देशमुख ने सचिन वाजे को मुंबई के रेस्त्रां और बार से करोड़ों रुपये की वसूली करने के लिए कहा था.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘अनिल देशमुख सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं. इसी तरह के या इससे ज्यादा गंभीर आरोप सचिन वाजे की तरफ से अजीत पवार पर लगाए गए हैं. इसलिए उनकी भी सीबीआई जांच होनी चाहिए.’ उन्होंने जानकारी दी, ‘हमने आज राज्य कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर दिया है.’ हालांकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर ताकत का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए.
राकंपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, ‘सीबीआई पहले ही मामले की जांच कर रही है. हम किसी जांच से डरते नहीं हैं, लेकिन यह दिखाता है कि कैसे बीजेपी राजनीतिक फायदे के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.’शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख के मुंबई और नागपुर आवास पर छापे मारे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के प्रावधानों के तहत ये छापामार कार्रवाई की गई है. इस दौरान ईडी के साथ बड़ी संख्या में पुलिस और केंद्रीय पुलिस बल के जवान मौजूद थे. इससे पहले 24 अप्रैल को भी पूर्व गृहमंत्री के करीब 10 ठिकानों पर रेड की गई थी.