लगातार बारिश से तराई और पूर्वांचल के 16 जिलों में बाढ़ का खतरा, अलर्ट जारी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में समय बीतने के साथ बाढ़ (Flood) का भी खतरा बढ़ता जा रहा है. इन सभी जिलों से होकर बहने वाली नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कुछ नदियां तो अभी से खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी हैं. चिंता वाली बात ये है कि हर पल के बीतने के साथ नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी ही हो रही है. वहीं लगातार हो रही बारिश से बाढ़ का खतरा और तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए राहत विभाग ने इन सभी जिलों के अफसरों को एडवाइजरी भेज दी है और तैयारी रखने के निर्देश दिये हैं.
दरअसल, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, गोण्डा, बस्ती, संतकबीर नगर, बलिया, बाराबंकी,सीतापुर और मऊ में बाढ़ का संकट मंडरा रहा है. महराजगंज और सिद्धार्थनगर में तो जलभराव भी शुरू हो गया है. गोरखपुर में रोहिणी नदी त्रिमोहानीघाट पर खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बह रही है. गोरखपुर में तैनात गण्डक बाढ़ मण्डल के अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह ने बताया कि नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. दिन-रात निगरानी की जा रही है. हल्की कटान की स्थिति में फटाफट रेत से उसे भर दिया जा रहा है. सभी तटबंध सुरक्षित हैं और आबादी क्षेत्र में पानी नहीं आया है.
दूसरी तरफ शारदा, घाघरा और राप्ती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के पास पहुंच गया है. चिंताजनक बात ये है कि इन सभी नदियों का जलस्तर हर सेकेण्ड के साथ बढ़ता जा रहा है. इस बात की आशंका बढ़ गयी है कि अगले कुछ घंटों में इन सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जायेगा. ऐसे में लगातार पानी बढ़ने से निचले इलाकों में जलभराव की समस्या खड़ी हो सकती है. इन 16 जिलों की ओर बढ़ते इस खतरे को देखते हुए राहत विभाग ने जिलों को निर्देश दे दिये हैं कि बाढ़ के संकट से निपटने के उपाय किये जाए.
नेपाल और उत्तराखण्ड में हो रही लगातार बारिश
बाढ़ प्रभावित आबादी के लिए राहत शिविर तैयार किये जाएं और उनके खाने-पीने का भी प्रबंध किया जाए. आपको बता दें कि नेपाल और उत्तराखण्ड के साथ तराई और पूर्वी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान मारने लगी हैं. समय से पहले ही इस साल सूबे में बाढ़ के हालात पैदा हो गये हैं. मॉनसून के जल्दी आने की वजह से ये समस्या जल्दी खड़ी हुई है.