प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 समिट में दुनिया को दिया ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ का मंत्र
नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज G-7 देशों के सम्मेलन में वर्चुअली हिस्सा लिया. कोरोना काल में पीएम ने अपने भाषण में हेल्थ की बात की. उन्होंने सम्मेलन में ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ (One Earth, One Health) का मंत्र दिया. बता दें कि इसबार सम्मेलन की अध्यक्षता ब्रिटेन कर रहा है और उसने भारत को इस समिट में शामिल होने का न्योता दिया था लेकिन कोरोना महामारी के कारण नई दिल्ली ने इस सम्मेलन में वर्चुअली हिस्सा लेने का ऐलान किया था.
पीएम ने सम्मेलन को संबोधित करने के बाद ट्वीट कर कहा कि सम्मेलन में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान समर्थन देने वाले देशों को धन्यवाद कहा. उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में ऐसे किसी महामारी से निपटने के वैश्विक प्रयासों का समर्थन करता है. मानवता के लिए ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ हमारा संदेश है.
पीएम ने कहा कि भविष्य की महामारी को रोकने के लिये वैश्विक एकता की जरूरत है. उन्होने भारत में वैक्सीन प्रबंधन और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में डिजिटल टूल के सफल इस्तेमाल का भी जिक्र किया. पीएम ने अपने संबोधन में वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार के लिये वैश्विक सामूहिक प्रयास का समर्थन भी किया. प्रधानमंत्री ने WTO में वैक्सीन पेटेंट में छूट के लिये G-7 का समर्थन मांगा. ऑस्ट्रलिया और अन्य देशों ने इसका समर्थन किया. वैक्सीन के लिये कच्चे माल की खुली सप्लाई चेन पर प्रधानमंत्री ने जोर दिया.
पीएम मोदी के मंत्र का जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने खासतर तौर जिक्र किया. G-7 समिट में फ्रांस के राष्ट्रपति ने टीके के लिए भारत को कच्चा माल देने की अपील की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन के संपर्क (आउटरीच) सत्र को संबोधित किया. उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आमंत्रण पर डिजिटल माध्यम से इस सम्मेलन में शिरकत किया. ब्रिटेन इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और उसने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को जी-7 सम्मेलन में आमंत्रित किया है. जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल है.
यह दूसरा मौका होगा जब प्रधानमंत्री जी-7 की बैठक में शामिल हुए. वर्ष 2019 में फ्रांस की अध्यक्षता में हुए जी-7 के शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित किया गया था. इस सम्मेलन के ‘‘जलवायु, जैव विविधता और महासागर और डिजिटल बदलाव’’ से जुड़े सत्रों में प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया था. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सम्मेलन का विषय ‘‘बेहतर पुननिर्माण’’ है और ब्रिटेन ने अपनी अध्यक्षता के तहत चार प्राथमिक क्षेत्र तय किए हैं.
विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि मोदी देश में कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्रिटेन नहीं जाएंगे. पिछले महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लंदन का दौरा किया था. हालांकि भारतीय प्रतिनिधमंडल के दो सदस्यों के कोविड-19 से संक्रमित पाये जाने के बाद वह स्वयं इस सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो सके थे. उन्होंने डिजिटल माध्यम से सम्मेलन में हिस्सा लिया था.