योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पीटा ढिंढोरा और घर में ही रह गया कोरोना
पूरे देश में इस बात को कहा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब जा चुकी है, यही बात उत्तर प्रदेश सरकार भी कह रही है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में अभी भी उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा मौतों वाले जिलों में शामिल है, यहां तक कि गोरखपुर जिले में और मंडल में इस हफ्ते सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
गोरखपुर मंडल में 4 जनपद आते हैं गोरखपुर देवरिया कुशीनगर और महाराजगंज
30 मई को गोरखपुर में 15 मौतें कुशीनगर में 12 मौतें
31 मई को गोरखपुर में 16 मौतें कुशीनगर में 48 मौतें
1 जून को गोरखपुर में 13 मौतें
2 जून को गोरखपुर में 11 मौत
3 जून को गोरखपुर में 13 मौत
4 जून को गोरखपुर में 20 मौतें
5 जून को गोरखपुर में 12 मौतें
गोरखपुर में और कुशीनगर में कोरोना संक्रमण में मौत का तांडव किया और यही स्थिति देवरिया और महाराजगंज में भी दिखाई थी, मगर मौत के आंकड़े दहाई में ही रहे,इस वक्त गोरखपुर की स्थिति पूरे प्रदेश में सबसे खराब है, जिस तरीके से गोरखपुर में मौतों के आंकड़े सामने आ रहे हैं, वह अपने आप में कई बड़े सवाल खड़े करते हैं, आपको बता दें कि गोरखपुर पिछले हफ्ते से अभी तक उत्तर प्रदेश में टॉप दो मौतों वाले शहरों में गिना जा रहा है, अक्सर तो गोरखपुर इस हफ्ते नंबर वन पर रहा है, गोरखपुर मंडल में सबसे ज्यादा मौतें इस हफ्ते कोरोना संक्रमण की वजह से दर्ज की गई है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद होने के बावजूद भी और मुख्यमंत्री का सबसे ज्यादा दौरा गोरखपुर में होने के बावजूद भी, गोरखपुर की स्थिति काफी खराब है और मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है, इसके अलावा संक्रमित मरीजों की संख्या भी गोरखपुर मंडल में बड़े पैमाने पर है बाकी जनपदों और मंडलों की अपेक्षा, अब सवाल यह खड़ा होता है कि जिस तरीके से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के 18 मंडल और 40 जनपदों में जाकर कहे हैं कि उत्तर प्रदेश की स्थिति सही हो गई है, तो सवाल यह है कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद की इतनी दुर्गति क्यों है, फिलहाल इस सवाल का जवाब ना तो सरकार दे रही है और ना तो प्रशासन, वही गोरखपुर जनपद की जनता रामभरोसे दिखाई दे रही है।