राजस्थान कांग्रेस में किस बात को लेकर मचा है घमासान? सरेआम होने लगी तकरार
जयपुर. राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में अंदरुनी कलह बड़े स्तर पर जारी है. अब यह कलह खुलकर सामने भी आने लगी है. बुधवार को मंत्रिपरिषद् की बैठक में दो वरिष्ठ मंत्रियों (Two senior ministers) की मुख्यमंत्री के सामने हुई तकरार ने इसे स्पष्ट तरीके से उजागर कर दिया है. पहले जहां पायलट खेमे से जुड़े विवाद सामने आ रहे थे तो अब गहलोत खेमे की खींचतान भी खुलकर सामने आ रही है.
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा दोनों ही सीएम गहलोत के करीबी हैं, लेकिन दोनों में संगठन के स्तर पर चल रही खींचतान फिर से सामने आई है. पार्टी स्तर पर एकजुटता के दावे बार-बार किए जा रहे हैं, लेकिन हर बार इन दावों की पोल भी खुलती जा रही है. पिछले दिनों पायलट खेमे के विधायक इन्द्राज गुर्जर द्वारा सीएम की तारीफ करने से बखेड़ा खड़ा हुआ था और अब गहलोत खेमे के मंत्री आपस में झगड़ रहे हैं.
मंत्रिपरिषद् की बैठक में नोक-झोंक
बोर्ड परीक्षा समेत अन्य मसलों पर चर्चा के लिए बुलाई गई मंत्रिपरिषद् की बैठक में शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बीच खूब नोक-झोंक हुई. बात यहां तक पहुंची की बैठक में मौजूद दूसरे मंत्रियों को बीच-बचाव करना पड़ा. दोनों मंत्रियों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक दे डाली. दरअसल, फ्री वैक्सीन के मसले पर शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने जिला कलेक्टर्स को ज्ञापन सौंपने का सुझाव दिया था.
इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने उनकी बात काटते हुए कहा कि जिला कलेक्टर्स को ज्ञापन देने के बजाय राष्ट्रपति से केन्द्र सरकार की शिकायत करनी चाहिए. बीच में टोके जाने पर मंत्री डोटासरा भड़क गए और बीच में न बोलने की हिदायत दी. इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने भी तल्ख तेवर दिखाते हुए कहा कि वह अपनी बात रखेंगे. बात यहां तक पहुंची कि डोटासरा मीटिंग छोड़कर जाने को तैयार हो गए. मीटिंग से बाहर निकलने के बाद भी दोनों में तकरार हो गई.
इसलिए हैं खींचतान
गहलोत सरकार के मंत्रियों में आपसी खींचतान बड़े स्तर पर जारी है. दरअसल, पिछले साल खड़े हुए सियासी संकट के बाद सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाकर शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बना दिया गया. राज्यमंत्री के तौर पर सरकार में शामिल गोविन्द सिंह डोटासरा इससे अचानक पावरफुल हो गए. संगठन के स्तर पर कैबिनेट मंत्रियों के लिए भी उनका हुक्म मानना मजबूरी हो गया. गोविन्द सिंह डोटासरा को कई मंत्री प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नहीं पचा पा रहे हैं और उनका आदेश नहीं मानते हैं. आपसी खींचतान की ये बातें कई बार उठती रही हैं और सामने भी आती रही हैं.
केंद्र के खिलाफ अभियान में भी दिखी खेमेबाजी
पिछले दिनों महंगाई के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाए गये अभियान में भी कई मंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया था. कुछ महीने पहले डोटासरा का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें वो कह रहे थे कि प्रदेश अध्यक्ष तो बना दिया है लेकिन मंत्री सुनते नहीं हैं. बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक में भी मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मैं आपका आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं हूं. इस पर डोटासरा ने कहा कि अध्यक्ष का आदेश मानना पड़ेगा.