शराब की होम डिलीवरी या दुकानें खोलना प्राथमिकता क्या है मुख्यमंत्री जी-पूछा कैट ने
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिल्ली सरकार द्वारा शराब की होम डिलीवरी की अनुमति देने की अधिसूचना के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कड़ी आलोचना की है। “ऐसे समय में जब कई तार्किक अनुरोधों के बावजूद और दिल्ली में कोरोनावायरस के मामलों में काफी गिरावट को देखते हुए, केजरीवाल ने दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी, लेकिन दूसरी ओर, दिल्ली आबकारी अधिनियम में संशोधन करके उन्होंने शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दी है जो यह दर्शाता है कि न केवल व्यापारियों द्वारा बल्कि उनके कर्मचारियों द्वारा अर्जित की जाने वाली आजीविका के बजाय “शराब” का वितरण उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण है” -दिल्ली सरकार के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज यह कहा !
खंडेलवाल ने कहा कि शराब की होम डिलीवरी की अनुमति तो बाद में भी दी जा सकती थी जबकि वर्तमान समय में दुकानें और मार्किट खोलना ही सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए थी , लेकिन ऐसा नहीं हुआ और केजरीवाल ने दुकानों के बजाय शराब को अपना प्रिय विषय चुना ! उन्होंने कहा की आदेश का समय संदिग्ध है क्योंकि वर्तमान लॉकडाउन अवधि के दौरान केजरीवाल ने बार बार दावा किया कि इस दौरान दिल्ली सरकार द्वारा उठाये जाने वाले सभी क़दमों की घोषणा से पहले सरकार ने उसके सभी पक्षों पर पूरा विचार ही नहीं किया बल्कि जनता से रायशुमारी भी की है ! क्या श्री केजरीवाल इस बात का खुलासा करेंगे की उन्होंने इस मामले में किस किस से रायशुमारी की है !
खंडेलवाल ने कहा कि स्वाभाविक है की यदि दुकानों को खोलना या शराब की होम डिलीवरी करने में यदि चुनाव हो तो यक़ीनन सभी लोग दुकानों को खोले जाने को प्राथमिकता देंगे लेकिन मौजूदा मामले में श्री केजरीवाल ने दुकानें खोलने की तुलना में शराब की होम डिलीवरी को अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में चुना है।
खंडेलवाल ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार के इस कदम को राजस्व अर्जित करने की दृष्टि से लिया जाना बताया जा रहा है जबकि यदि 31 मई, 2021 से दुकानों और बाजारों को खोलने की अनुमति दी जाती तो उससे होने वाली बिक्री पर सरकार को राजस्व भी मिलता और वित्तीय संकट से परेशां लोगों को आजीविका कमाने का मौका भी मिलता लेकिन यह दिल्ली का दुर्भाग्य है की शराब दुकानें खोलने पर हावी हो गई !