इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए बनी कमेटी, क्यों और कहां हो रही है कवायद?
देहरादून. उत्तराखंड अब दुनिया से सीधे जुड़ सकेगा और पर्यटन के नक्शे पर और तेज़ी से उभर सकेगा क्योंकि राज्य में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की कवायद शुरू हो गई है. राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उपयुक्त ज़मीन तलाशे जाने के लिए एक कमेटी सोमवार को बनाई, जो देहरादून से हरिद्वार के बीच में कहीं ज़मीन का चयन करेगी. इसके अलावा, पर्यटन सचिव को इस एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की निगरानी करने एवं दोनों ज़िलों के कलेक्टरों को विभागीय प्रक्रियाओं में पूरी मदद करने के निर्देश दिए गए हैं.
महाराज ने जो कमेटी बनाई है, उसका सबसे बड़ा काम यह होगा कि नियमों के मुताबिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 5.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाए जाने के लिहाज़ से उपयुक्त ज़मीन को चुना जा सके. इस बारे में टाइम्स आफ इंडिया की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस ज़मीन के चुनाव के बाद नियमों के अनुसार एयरपोर्ट निर्माण के लिए एविएशन यानी नागरिक उड्डयन मंत्रालय की मंज़ूरी लेने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा.
आखिर क्यों बनाया जा रहा है एयरपोर्ट?
इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ज़रूरत के बारे में महाराज के हवाले कहा गया ‘पूरी दुनिया से पर्यटक सीधे उत्तराखंड में लैंड कर सकें. पर्यटन के नक्शे पर राज्य को बूस्ट करने के अलावा, इस एयरपोर्ट का मकसद यह भी है कि रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके.’ महाराज के मुताबिक प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कई मुख्य हवाई कंपनियों के प्लेन सेवा देंगे. इस बारे में बातचीत शुरू हो चुकी है.
मौजूदा एयरपोर्ट की क्या है स्थिति?
ध्यान देने की बात यह है कि पंत नगर और जॉली ग्रांट देहरादून हवाई अड्डों को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तौर पर विकसित करने के लिए राज्य को सैद्धांतिक मंज़ूरी मिल चुकी है. इसे लेकर, सरकार की प्राथमिक योजना यह है कि दून एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई को पहले चरण में 2765 मीटर तक बढ़ाया जाएगा. अभी यह लंबाई 2140 मीटर है जिसे दूसरे चरण में 3500 मीटर तक बढ़ाया जा सकेगा.