यूपी में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी, 2 महीने में बनेंगे 350 ऑक्सीजन प्लांट
लखनऊ. देश में अभी कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर गई नहीं है. वहीं विशेषज्ञ आने वाले कुछ महीनों में तीसरी लहर (Corona Third Wave) की भी आशंका जता चुके हैं. कोरोना वायरस संक्रमण (Covid 19) की इस तीसरी लहर से निपटने के लिए हर राज्य अपने स्तर पर भी तैयारी कर रहा है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी तैयारियां जोरों से चल रही है. इसके तहत यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) ने अगले दो महीने में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 350 ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सरकार ने बोली (निविदा) आमंत्रित की हैं.
उत्तर प्रदेश में इन सभी 350 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट से संयुक्त रूप से 3 लाख लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकेगा. यूपी सरकार ने जो बोली आमंत्रित की हैं, उसकी अंतिम तारीख 8 जून है. जो भी कंपनी प्लांट को बनाएगी, उसे इसकी ऑक्सीजन सप्लाई की निगरानी के अलावा अगले दस साल तक रोजाना ऑक्सीजन प्लांट का संचालन सुनिश्चित करना होगा.
यूपी सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट के ऑर्डर की तारीख के दिन से अगले दो महीने के अंदर उसे स्थापित करने की डेडलाइन तय की है. इन ऑक्सीजन प्लांट में सबसे अधिक क्षमता वाले प्लांट मुख्य जिला अस्पतालों में लगाए जाने हैं. इनकी क्षमता 1500 लीटर प्रति मिनट उत्पादन की होगी. वहीं कम क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करेंगे. इनकी सबकी कुल संयुक्त क्षमता 3.2 लाख लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन की होगी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सप्लाई की कमी देखी गई थी. इस दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग 1200 मीट्रिक टन रोजाना तक पहुंच गई थी. राज्य की खुद की उत्पादन क्षमता 339 मीट्रिक टन थी. जबकि उसे दूसरे राज्यों से 894 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लेनी पड़ रही थी. अब इन 350 ऑक्सीजन प्लांट के स्थापित होने के बाद यूपी ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा.न्यूज18 ने पहले ही यह खबर दी थी कि उत्तर प्रदेश सरकार ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए उसने उन कंपनियों को छूट देने की भी बात कही थी, जो ऑक्सीजन प्लांट लगाना चाहती हैं.