CBI रेड: FCI का एक और बाबू गिरफ्तार, घर से मिला 5.96 लाख कैश
भोपाल. राजधानी भोपाल में CBI की रेड दूसरे दिन भी जारी रही. CBI ने क्लर्क किशोर मीणा के बाद भारतीय खाद्य निगम (FCI) के एक और बाबू को गिरफ्तार कर उसके घर से लाखों रुपए नगद और लेन-देन के रिकॉर्ड बरामद किए. CBI ने एफसीआई के अधिकारियों के कार्यालय स्थित कैबिन भी खंगाले और दस्तावेज जब्त किए.
CBI टीम ने रविवार को FCI के असिस्टेंट ग्रेड-1 कर्मचारी संदीप कुमार चौधरी के जवाहर चौक स्थित घर पर कार्रवाई की. यहां से CBI के अधिकारियों ने 5 लाख 96 हजार रुपए बरामद किए. बड़ी मात्रा में महत्वपूर्ण दस्तावेज भी CBI अधिकारियों के हाथ लगे हैं. कुछ बैंक खातों की भी जानकारी मिली है. अभी तक इस मामले में एफसीआई के संदीप को मिलकर पांच लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है.
क्लर्क के पास मिले थे 3 करोड़ कैश
गौरतलब है कि शनिवार को क्लर्क किशोर मीणा के घर से तीन करोड़ एक लाख रुपए की नकदी बरामद की गई थी. गुरुग्राम स्थित सुरक्षा एजेंसी कैप्टन कपूर एंड संस की शिकायत पर सीबीआई डिविजनल मैनेजर हरीश, मैनेजर अकाउंट अरुण श्रीवास्तव, मैनेजर सिक्यूरिटी मोहन पराते और क्लर्क किशोर मीणा को गिरफ्तार कर चुकी है.CBI को मीणा के पास से एक डायरी भी बरामद हुई है, जिसमें कई बड़े अफसरों के नाम भी शामिल हैं. इन अफसरों की मदद से FCI में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर करोड़ों के वारे-न्यारे किए जा रहे थे. बता दें, किशोर मीणा कभी FCI के कार्यालय में सिक्योरिटी गार्ड हुआ करता था. अफसरों की मेहरबानी से यह शख्स क्लर्क बना और फिर कई बड़े अफसरों के साथ भ्रष्टाचार का महागठबंधन कर करोड़पति हो गया.
क्लर्क तक ऐसे पहुंची CBI की टीम
दिल्ली स्थित सिक्योरिटी कंपनी ने CBI को शिकायत की थी, कि भोपाल स्थित FCI दफ्तर में पदस्थ अधिकारी उनसे सिक्योरिटी सर्विस का बिल पास करने के लिए 10% रिश्वत मांग रहे हैं. इस शिकायत पर CBI की टीम ने जाल बिछाया. इसके बाद सिक्योरिटी कंपनी के अधिकारी रिश्वत देने के लिए एक लाख रुपए लेकर FCI के सिक्योरिटी मैनेजर और अकाउंट मैनेजर के पास पहुंचे. उन्होंने रिश्वत की राशि जैसे ही अधिकारियों को दी वैसे ही CBI की टीम ने दोनों मैनेजर को दबोच लिया.
फसीआई कार्यालय में भी छानबीन
संदीप के घर छापा मारने के बाद सीबीआई की टीम ने एफसीआई कार्यालय में भी छानबीन की. इन आरोपियों के कैबिन की छानबीन की गई. यहां से भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सीबीआई के हाथ लगे हैं. एक लेटर पैड पर राशि के लेनदेन का जिक्र है.