कोरोना के चलते इन छह राज्यों में हो रहीं सबसे ज्यादा मौतें, देखें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ये आंकड़ें
देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में स्थिरता आ रही है। दैनिक मामलों के साथ ही संक्रमण दर और सक्रिय मामलों में लगातार कमी आ रही है। 10 मई को संक्रमण दर 24.83 प्रतिशत थी जो कम होकर 22 मई को 12.45 फीसद पर आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि 1,00,000 से अधिक सक्रिय मामले घटकर अब केवल 8 राज्यों में रह गए हैं। 50,000 से 1,00,000 के बीच सक्रिय मामले वाले राज्य 8 हो गए हैं। 50,000 से कम सक्रिय मामले वाले 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं। केवल 7 राज्य हैं जो 10,000 से अधिक कोरोना के नए मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं और 5,000 से 10,000 मामलों वाले 6 राज्य हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने सबसे ज्यादा मौतों वाले राज्यों के नाम बताए। उन्होंने कहा कि 6 राज्यों में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं। ये राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, यूपी, पंजाब और दिल्ली हैं।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हालांकि मामलों की संख्या में कमी आई है, लेकिन संक्रमण की दर 382 जिलों में अब भी 10 फीसदी से ऊपर है। उन्होंने कहा कि संक्रमण दर, दैनिक मामलों और उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आने के साथ कोरोना की स्थिति में स्थिरता आ रही है।
आठ राज्यों में एक लाख से अधिक सक्रिय मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आठ राज्यों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है जबकि 18 राज्यों में संक्रमण दर 15 फीसदी से अधिक है। पॉल ने कहा कि बच्चे कोरोना वायरस फैला सकते हैं लेकिन उनमें हमेशा संक्रमण हल्के स्तर का होता है और मृत्यु दर बहुत ही कम है।
टीके की बर्बादी भी कम हुई
टीके की बर्बादी पर मंत्रालय ने कहा कि कोविशील्ड की बर्बादी की दर एक मार्च को आठ प्रतिशत से कम होकर अब एक प्रतिशत रह गई है, वहीं कोवैक्सीन की बर्बादी दर इसी अवधि में 17 फीसदी से घटकर चार फीसदी रह गई है।
वैक्सीन पासपोर्ट के मुद्दे पर अग्रवाल ने कहा कि मामले को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन में अभी तक सहमति नहीं बनी है लेकिन चर्चा जारी है।