छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के खिलाफ नोटिस, होगी पूछताछ, पढ़ें पूरा मामला

रायपुर. छत्तीसगढ़ में टूलकिट मामले (Toolkit Case) में एक बड़ा मोड़ आ गया है. इस मामले में  एनएसयूआई (NSUI) प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman Singh) के खिलाफ सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. अब छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ सिविल लाइन थाने ने नोटिस जारी किया गया है. रमन सिंह को 24 मई को दोपहर साढ़े 12 बजे अपने घर पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कई निर्देशों का पालन करने की हिदायत दी गई है. रमन सिंह के निवास जाकर सिविल लाइन थाने की टीम पूछताछ करेगी.

दरअसल, सिविल लाइन थाने में पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ‘टूलकिट’ का इस्तेमाल कर कोरोना वायरस संकट के वक्त फायदा उठाकर पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल कर रही है. विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने इन आरोपों को फेक बताया था. किसी भी तरह की टूलकिट के इस्तेमाल से इनकार किया है.

मामले को कांग्रेस ने बताया था फर्जी
कांग्रेस ने टूलकिट को फर्जी करार देते हुए कांग्रेस को बदनाम करने का आरोप लगाया था. इसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. अब पुलिस मामले में रमन सिंह से पूछताछ करने जाएगी. सिविल लाइन थाना पुलिस ने नोटिस में कुछ निर्देश भी जारी किए हैं ये निर्देश इस तरह की है, आप भविष्य में कोई अपराध नहीं करेंगेआप सबूतों के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं करेंगे. आप मामले के तथ्य से परिचित किसी भी व्यक्ति को अदालत या पुलिस अधिकारी को ऐसे तथ्यों का खुलासा करने से रोकने के लिए कोई धमकी, प्रलोभन या वादा नहीं करेंगे. जब आवश्यक निर्देशित हो आप न्यायालय के समक्ष उपस्थित होंगे.

आप आवश्यकता पड़ने पर मामले की जांच में शामिल होंगे और जांच में सहयोग करेंगे. आप प्रकरण के सही निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए जांच में किसी भी हिस्से को छुपाए बिना सभी तथ्यों को सच्चाई से खुलासा करेंगे. आप जांच के प्रयोजन के लिए आवश्यक सभी प्रासंगिक दस्तावेज/सामग्रियां प्रस्तुत करेंगे. सह आरोपी को पकड़ने में आप अपना पूर्ण सहयोग/सहायता प्रदान करेंगे. आप किसी भी तरह से मामले की जांच/परीक्षण के उद्देश्य से प्रासंगिक किसी भी सबूत को नष्ट करने की  अनुमति नहीं देंगे.

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