कांग्रेस ‘टूलकिट’ का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, दोषी साबित होने पर कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग

कांग्रेस के कथित टूलकिट मामले के खिलाफ देश के शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई है। मामले को सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने और दुनिया में भारत की छवि बिगाड़ने का साजिश बताया गया है। याचिकाकर्ता वकील शशांक शेखर झा ने अंतरराष्ट्रीय साजिश का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच और दोष साबित होने पर कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की है।

टूलकिट पर आरोप-प्रत्यारोप

बता दें कि मंगलवार को टूलकिट मामले पर कांग्रेस और भाजपा के बीज दिनभर जुबानी जंग चलती रहीं। कांग्रेस ने इस बाबत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा, समेत अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।  कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और एसएचओ तुगलक रोड पुलिस स्टेशन को पत्र लिखा । पत्र में जेपी नड्डा,  संबित पात्रा, स्मृति ईरानी, बीएल संतोष समेत कई अन्य नेताओं के नाम हैं। पत्र में लिखा गया कि इन लोगों ने देश में सांप्रदायिक अशांति फैलाने उद्देश्य से सोशल मीडिया के जरिए झूठी अफवाहें फैलाई जा रही है।

कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की

दरअसल, भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनकी एक ‘टूलकिट’ के जरिए कोरोना संकट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने की साजिश रचा जै रहा है। वहीं भाजपा के हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख राजीव गौड़ा ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के रिसर्च डिपार्टमेंट का बताकर भाजपा फर्जी टूलकिट प्रचारित कर रही है। इस बाबत हम भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।

 

 

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