पूर्व केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने लगाये गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप, जाने क्या
जयपुर. पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Rathore) ने अशोक गहलोत सरकार (Gehlot government) पर गंभीर आरोप लगाये हैं. कर्नल राठौड़ ने कहा कि पीएम केयर फंड से राजस्थान को दिये गये वेंटीलेटर या तो डिब्बों में बंद पड़े हैं या वे निजी अस्पतालों में पहुंच गए हैं. राठौड़ ने गहलोत सरकार पर सवाल उठाते हुये कहा कि क्या सरकारी वेंटिलेटर निजी अस्पताल को किराये पर देना सही है? उन्होंने गहलोत सरकार को कोरोना प्रबंधन पर जमकर घेरा.
सांसद राठौड़ ने इस संबंध में एक वीडियो जारी कर कहा कि कोरोना आपदा के समय राजनीति करना सही नहीं है. लेकिन अगर दिन दहाड़े कोरोना पीड़ितों को लूटा जा रहा हो और आप व हम आंखें बंद कर लें तो यह नाइंसाफी होगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम केयर फंड से राजस्थान के हर जिले को वेंटीलेटर भिजवाये. ये वेंटिलेटर गरीब मरीज की जान बचाने के काम आने थे.
गहलोत सरकार पर बेरहमी का आरोप
राठौड़ ने गहलोत सरकार पर बेरहमी का आरोप लगाते हुये कहा कि भरतपुर में जो 10 वेंटिलेटर भेजे गये थे वो वहां के सरकारी राय बहादुर अस्पताल में इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं. राजस्थान सरकार ने उनको एक निजी अस्पताल को 2000 रुपये प्रतिदिन किराये पर दे दिया. इन वेंटिलेटर से गरीबों की नि:शुल्क जान बचाई जानी थी लेकिन आज मरीज 50 हजार रुपये दे रहा अपनी जान बचाने के लिये.
जयपुर में आईसीयू बेड के लिये देने पड़ रहे हैं 1 लाख रुपये ?
सांसद राठौड़ ने आगे कहा कि कोटपूतली के अंदर लोग मर रहे हैं. लेकिन पीएम केयर फंड से आये वेंटिलेटर अभी भी डिब्बों में बंद पड़े हैं. उन्होंने दावा किया कि अगर आपको जयपुर के सरकारी अस्पताल में आईसीयू बेड लेना तो 1 लाख रुपये देने पड़ रहे हैं. यह कहानी राजस्थान के हर जिले में हो रही है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार मरीजों को बेबस नहीं छोड़ सकती. इसकी तुरंत इन्क्वारी होनी चाहिये और राजस्थान सरकार जिम्मेदारी से मरीजों की जान बचाने का काम करे.