कोरोना महामारी को देखते हुए जैन समाज ने लिया बड़ा फैसला..
सहारनपुर जैन समाज का श्मशान घाट केवल नगर निगम को सभी समाज और वर्गों के लोगों के अंतिम संस्कार के लिए केवल समर्पित ही नहीं किया बल्कि कोरोना जैसी भयावह बीमारी से मरने वालों का अंतिम संस्कार जैन श्मशान घाट पर हो सकेगा…
कोरोना की दूसरी लहर पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक है और आए दिन बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले रही है ऐसे में इस बीमारी के अलावा भी सामान्य रूप से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट के बाहर लंबी लंबी कतारें लगी हुई है जिसे देखते हुए मानवता और इंसानियत के नाते सहारनपुर जैन समाज ने एक बड़ा फैसला लिय
और जैन समाज का श्मशान घाट सभी धर्म और वर्गों के लिए ना केवल समर्पित किया बल्कि यह भी घोषणा कर दी कि यहां पर अंतिम संस्कार करने वालों के लिए किसी तरह का कोई सुविधा शुल्क नहीं लिया जाएगा और यहां पर 24 घंटे के लिए यह शमशान घाट खुला रहेगा इतना ही नहीं कोरोना जैसी भयावह बीमारी से मरने वालों को भी अब परेशान होने की जरूरत नहीं है उनके परिजनों को इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं है इस बीमारी से मरने वाले का अंतिम संस्कार उसके परिजन यहां पर पीपी किट पहनकर आराम से कर सकते है..।कोरोनावायरस संक्रमण से बढ़ती महामारी को देखते हुए सहारनपुर मे रहने वाले समस्त जैन समाज ने बड़ा फैसला लिया। जिसकी विस्तृत जानकारी जैन समाज के अध्यक्ष राजेश जैन ने प्रेस वार्ता कर दी उन्होंने बताया की कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए और इस महामारी में लगातार मरने वालों की संख्या को देखते हुए समस्त जैन समाज ने एक बैठक बुलाई थी।
जिसमें जैन समाज ने वैश्विक महामारी कोरोना में मरने वाले लोगों के दाह संस्कार के लिए श्मशान घाटो पर लंबी कतारों के विषय में बात की जिसमें समस्त जैन समाज ने यह फैसला लिया की पुराना कलसिया रोड स्थित जैन समाज के श्मशान घाट को कोरोना वायरस महामारी में मरने वाले लोगों के दाह संस्कार के लिए दिया जाना चाहिए। जिसमें हमने नगर निगम सहारनपुर को जैन समाज के श्मशान घाट को दिया है जहां पर कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का दाह संस्कार किया जाएगा और जैन समाज आगे भी जनहित के कार्य करता रहेगा उन्होंने कहां की जैन समाज का विशेष रूप से धन्यवाद जिन्होंने मुझ पर विश्वास कर यह फैसला लेने में मेरा साथ दिया।