ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति की डिजिटल निगरानी
जल शक्ति मंत्रालय ने ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति को व्यवस्थित बनाने और उस पर निरंतर नजर रखने के लिए डिजिटल निगरानी की व्यवस्था की है ताकि जमीनी हकीकत की सूचना अधिकारियों को मिले और समस्या का आसानी से समाधान हो सके।
जल शक्ति मंत्रालय ने बुधवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया कि इस उपकरण के जरिए जल जीवन मिशन के तहत छह लाख गावों में पेयजल आपूर्ति की निगरानी का काम हो सकेगा। इस काम को मंत्रालय टाटा समूह की कंपनी के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस योजना पर मंत्रालय ने पिछले दिनों इस संबंध में देश के पांच राज्यों उत्तरखंड, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा हिमाचल प्रदेश में पायलट परियोजना का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया है।
मंत्रालय का कहना है कि यह उपकरण सेंसर के माध्यम से वास्तविक और यथास्थिति की जानकारी उपलब्धि कराएगा। इससे न सिर्फ जमीनी स्तर की असली सूचना उपलब्ध होगी बल्कि स्थिति से निपटने का बेहतर प्रबंधन भी मिलेगा तथा स्थिति को लेकर मिशन के अधिकारियों और जनता को वास्तविक सूचना दी जा सकेगी।
ग्रामीण् इलाकों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले इस डिजिटल उपकरण को भूस्थैतिक उपकरण प्रणाली से भी जोड़ा गया है। सेंसर के माघ्यम से जल के प्रवाह, भूतल जल स्तर, क्लोरिन विवरण, जल दबाव, पम्प नियंत्रण आदि से जुड़ी सूचना उपलब्ध होगी।