शासकीय स्वास्थ्य संस्थाएं प्रदेश की जनता की पहली प्राथमिकता होंगी: शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमें शासकीय अस्पतालों की सेवाओं और स्वच्छता को निरंतर बेहतर बनाना है। प्रदेश ‍में यह धारणा बने कि शासकीय अस्पताल में यदि जगह नहीं मिलेगी, तो ही हम प्राइवेट अस्पताल में जायेंगे। चौहान आज यहां मिंटो हाल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कन्या पूजन के साथ आरम्भ हुए इस कार्यक्रम में ‘मध्यप्रदेश गान’ हुआ तथा हब एण्ड स्पोक माडल पर आधारित टेलीमेडिसिन सुविधा और सुरक्षित मातृत्व के लिए आरंभ ‘सुमन’ पर वीडियो प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कायाकल्प अभियान के अंतर्गत श्रेष्ठ जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अवार्ड वितरित किये। कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, सचिव और आयुक्त स्वास्थ्य संजय गोयल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्वाज उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय स्वास्थ्य संस्थाएँ प्रदेश की जनता की पहली प्राथमिकता होंगी। बेहतर व्यवहार,स्वच्छता और सही इलाज मिल जाये तो व्यक्ति यही कहता है कि डॉक्टर तुम भगवान हो। हमारी कोशिश यही है कि तकनीक का उपयोग कर हम सम्पूर्ण प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन-जन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करा सकें। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए आज प्रदेश के 550 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेषज्ञ टेली मेडिसिन सेवा और सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए राज्य-स्तरीय इन्टीग्रेटेड कमांड सेंटर ‘सुमन’ का शुभारंभ किया गया।
चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण के विरूद्ध डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाफ ने महर्षि दधीचि के समान उदाहरण प्रस्तुत किया है। वे सभी कोरोना वारियर्स को श्रृद्धा-सुमन अर्पित करते हैं। हाल ही में घरेलू हिंसा में तीन महिलाओं के हाथ काट दिये गये थे। शासकीय अस्पताल में ही उनका आपरेशन हुआ और हाथ सफलता से जोड़ दिये गये। मुख्यमंत्री ने हमीदिया अस्पताल के चिकित्सकों की इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का कहर अभी घटा नहीं है। मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अनावश्यक भीड़ से बचना जरूरी है। कोरोना का सामना करने के लिए प्रदेश में सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ विद्यमान हैं। गरीबों का नि:शुल्क इलाज हमारी प्रतिबद्धता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने में प्रदेशवासियों से सहयोग और सभी सावधानियों का पालन करने की अपील की।
श्री चौहान ने त्यौहारों को सादगी और सावधानी से मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ‘मेरी होली-मेरे घर’ का पालन इस समय में जरूरी है। हम परम्पराएँ पूरी करें, रस्म निभाएँ, पर यह ध्यान रखें कि यह आपद धर्म है। जब मानवता के सामने संकट आते हैं तो रास्ते भी हमें ही निकालने होते हैं।
श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्म-निर्भर भारत के मंत्र को साकार रूप देने के लिए प्रदेश में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोड मेप बनाया गया है। इसमें स्वास्थ्य प्रमुख घटक है। प्रदेश के कुल बजट का 7.5 प्रतिशत स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च होगा। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी न रहे इसके लिए नये मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल सहित विशेषज्ञ सुविधाओं का लाभ जन-जन को उपलब्ध कराने के लिए तकनीक का हर संभव उपयोग किया जा रहा है। टेली मेडिसिन सुविधा और मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए एकीकृत कमांड कंट्रोल सेंटर सुमन वरदान सिद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने जबलपुर के सेठ गोविंद दास विक्टोरिया चिकित्सालय का नाम सेठ गोविंद दास जिला चिकित्सालय करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमें गुलामी के प्रतीकों को विदा करना जरूरी है। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कटंगी जिला जबलपुर में आरंभ हुई टेली मेडिसिन सुविधा से लाभ पा रहे मरीज अनुपम जैन से बात की। श्री जैन ने कहा कि इस सुविधा से अब बार-बार जबलपुर जाने की जरूरत नहीं होगी।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार जारी है। प्राथमिक तथा उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक नि:शुल्क वितरित की जाने वाली दवाओं और मेडिकल जाँचों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना चुनौतिपूर्ण रहा है। टेली मेडिसिन जैसी तकनीक की मदद से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी विशेषज्ञ सेवाएँ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
श्री चौहान ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कायाकल्प अवार्ड वर्ष 2020-21 प्रदान किये। स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वच्छ वातावरण विकसित करने के लिए वर्ष 2015 से कायाकल्प अभियान की शुरूआत की गई है। पचास‍ लाख रूपये का प्रथम अवार्ड सेठ गोविंद दास जिला चिकित्सालय जबलपुर को, बीस लाख रूपये का द्वितीय अवार्ड जेपी अस्पताल भोपाल को, दस लाख रूपये का तृतीय अवार्ड जिला चिकित्सालय विदिशा, निरंतर उत्कृष्टता पुरस्कार जिला चिकित्सालय सिवनी और फास्टेस्ट इम्प्रूविंग पुरस्कार जिला चिकित्सालय नीमच को प्रदान किया गया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर प्रथम पुरस्कार इछावर जिला सीहोर, द्वितीय पुरस्कार संयुक्त रूप से रामनगर जिला सतना तथा पाटन जिला जबलपुर और निरंतर उत्कृष्टता पुरस्कार रानी दुर्गावती सिविल अस्पताल जबलपुर को प्रदान किये गये। मुख्यमंत्री ने प्रतिस्पर्धा के भाव के परिणाम स्वरूप जिला चिकित्सालयों में बेहतर होती सेवाओं और स्वच्छता की सराहना की।
टेली मेडिसन सुविधा के अंर्तगत हब पर विशेषज्ञ रहते हैं, जो स्पोक स्तर पर टेली कंसल्‍टेशन के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श देते हैं। वर्तमान में प्रदेश के 51 जिला चिकित्सालयों में हब की स्थापना की गई है, जो 4200 उप स्वास्थ्य केंद्रों को टेली कंसल्‍टेशन दे रहे हैं। कार्यक्रम में 550 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा आरंभ की गई। शिशु रोग, स्त्री रोग तथा मेडिसिन विशेषज्ञ हब केंद्रों से चिकित्सा परामर्श उपलब्ध करायेंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पैथालॉजी और अन्य जाँचों की सुविधा भी होगी। राज्य शासन द्वारा प्रति कंसल्‍टेशन 215 रूपये का भार वहन किया जायेगा।
हाई-रिस्क गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जाँच और प्रबंधन प्रदान किये जाने की मानिटिरिंग के लिए राज्य स्तर पर एकीकृत कमांड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की गई है। राज्य स्तर पर 15 सीटर काल सेंटर 24×7 कार्यरत रहेगा। सभी 51 जिला चिकित्सालय और 13 मेडिकल कॉलेज में सुमन हेल्थ डेस्क होंगे।

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