दोस्त की हत्या करने वाला दोस्त गिरफ्तार

जनपद शामली पुलिस ने दोस्त की हत्या करने वाले उसके दोस्त और उसके साथ हत्या में शामिल अन्य तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तमंचा, पिस्टल, जिंदा कारतूस व हत्या करने में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद की है। हत्या के पीछे का कारण रुड़की में एक संपत्ति को बेच कर आए पैसों को लेकर विवाद होना बताया जा रहा है। आपको बता दें कि मामला जनपद शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव लाख का है जहां पर गत 22 तारीख के शाम को धीरज नाम के व्यक्ति की उसी के दोस्त द्वारा उसके फार्म हाउस पर गोली मारकर हत्या कर दी थी और घटना को अंजाम देकर वह फरार हो गया था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी और फार्म हाउस पर लगे सीसीटीवी कैमरा को देखने के बाद बदमाशों की तलाश में जुट गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी में देखा कि 2 लोग एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर आते हैं और धीरज को एक के बाद एक कई गोलियां मारकर मौत के घाट उतार कर फरार हो जाते हैं जब सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने मृतक धीरज के परिजनों को दिखाया तो उन्होंने बताया कि इन में एक व्यक्ति गांव का ही नीटू है जिसके बाद मृतक के पिता ने नीटू और उसके एक अन्य साथी के के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था जिसके बाद पुलिस लगातार आरोपियों की धरपकड़ के लिए दबिशें डाल रही थी जिसके बाद पुलिस ने आज मुखबिर की सटीक सूचना पर धीरज के दोस्त नीटू और उसके एक साथी को धीरज की हत्या करने के मामले में तथा दो अन्य व्यक्तियों को हत्या के बाद दोनों हत्यारों को शरण देने के मामले में गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने एक अवैध पिस्टल 32 बोर व चार जिंदा कारतूस और एक अवैध तमंचा 315 बोर व तीन जिंदा कारतूस तथा घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल बरामद की है।  पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार नीटू ने बताया कि मृतक धीरज और वो आपस में दोस्त थे।दोनों ने कुछ दिन पूर्व रुड़की में एक प्रॉपर्टी के सेल से धीरज को एक धनराशि मिली थी जिसको लेकर दोनों में विवाद हुआ था इस बात को लेकर दोनों में करीब 8 माह पहले भी तनातनी हो गई थी। इसी बात को लेकर नीटू अपने साथी सचिन के साथ पहले शराब की दुकान पर गया और शराब खरीदकर पी और उसके बाद दोनों धीरज के फार्म हाउस पर पहुंचे और वहां पर मौजूद धीरज पर पिस्टल वह तमंचे से फायर कर दिए और मौके से भाग निकले। जिसके बाद वह पुलिस से बचने के लिए बहावड़ी पहुंचे जहां पर उन्होंने हथियार किरण पाल के पास रख दिए तथा अपने साथी कपिल को बुलाकर उसकी गाड़ी में बैठकर शामली कोतवाली क्षेत्र में गन्ना समिति पर आकर रुके और पुलिस से पकड़े जाने के भय से उसी राज जिले से बाहर चले गए और हरिद्वार रुड़की में देहरादून में फिर रहे थे।

 

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