लेसा के चीफ इंजीनियर ने उपभोक्ता हित में लिखा खत
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के एक अभियंता ने अपने ही विभाग की कार्यशैली में सवालिया निशान लगाते हुये शनिवार को अस्थायी बिजली का कनेक्शन लेने वाले उपभोक्तओं के हित में एक साहसिक सुझाव आला अधिकारियों को दिया है।
लेसा के मुख्य अभियंता मधुकर वर्मा ने अपने उच्चाधिकारियो को एक पत्र लिखा और सुझाव दिया कि दो किलोवाट तक के अस्थायी संयोजन लेने वाले उपभोक्ता जिस समयाविधि के लिए अस्थायी संयोजन लेते है ज्यादातर मामलो में उस समयाविधि में वह अपने परिषर में निर्माण कार्य नहीं करा पाते और अंतिम तिथि के आगे भी उनका काम चलता रहता है।
उन्होने कहा कि ऐसे मामलों में न ही विभागीय कार्मिको और न ही उपभोक्ता को पता रहता उनकी अंतिम तिथि समाप्त हो गयी है। ऐसे दो किलोवाट तक के मामलो में विभाग द्वारा भी उपभोक्ताओ को समय से नहीं बताया जाता कि उनकी अस्थायी संयोजन की अवधि समाप्त हो गयी है और न ही उनका संयोजन ही विछेदित किया जाता। फिर ऐसे मामलो में बिजली चोरी मानकर उन्हे परेशान किया जाता उपभोक्ता कभी पुलिस थाना कभी विभाग का चक्कर काटते और ऐसे उपभोक्ताओ को बिजली चोरी में बुक कर दिया जाता और बड़ी पेनाल्टी लगा दी जाती है।
मुख्य अभियन्ता ने लिखा कि यह भ्रष्टाचार और भयादोहन का कारण बनता है और उपभोक्ता बनने के पहले ऐसे उपभोक्ताओ के मन में विभाग के खिलाफ खराब अवधरणा पनपती है। उन्होने ऐसे मामलो में बिलिंग पर उच्चाधिकारियो से सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग की है।