बलिया में जीतते हुए प्रत्याशी को हराने में लगे खुद के लोग
समाजवादी पार्टी के बलिया संगठन के विशेष सूत्रों से एक ऐसी जानकारी मिली है जिससे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सबसे ज्यादा फेस पहुंचेगी जो दिन-रात समाजवादी पार्टी को जिताने में लगे हैं आपको बता देगी देगी इस वक्त उत्तर प्रदेश में पंचायत का चुनाव काफी जोरों शोरों से चल रहा है और इस पंचायत के चुनाव को जीतने के लिए सभी पार्टियां अपना पूरा दमखम दिखा रही है पार्टियों के अंदर कई विभीषण भी होते हैं और इन्हीं विभीषण की वजह से कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव जीतती है तो कोई चुनाव हार जाती है फिलहाल आइए आपको बताते हैं क्या है बलिया के पंचायती चुनाव की कहानी और समाजवादी पार्टी के सूत्रों की माने तो कौन इस वक्त सपा की गणित बिगाड़ने में लगा है
बलिया के समाजवादी पार्टी के संगठन के विशेष सूत्रों का कहना है समाजवादी पार्टी के ही कुछ नेता जो मंत्री भी रह चुके है, समाजवादी पार्टी में भितरघात कर रहे है, आपको बता दें कि बलिया जिले में जिलापंचायत सीट ओबीसी हो गयी है और बलिया में समाजवादी कार्यकर्ताओ के अनुरोध पर जिलापंचायत अध्यक्ष पद की दावेदारी, बलिया के युवा और तेजतर्रार समाजवादी नेता रंजीत चौधरी कर रहे हैं
आपको बता दें कि रंजीत चौधरी समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता, नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी के पुत्र है और युवाओं में लोकप्रिय नेता है
रंजीत चौधरी ने 16 नम्बर वार्ड से दावेदारी भी जताई और समाजवादियों का दावा है कि 16 नम्बर की जनता रंजीत चौधरी को सरआंखों पर बैठा रही है, बलिया में समाजवादी पार्टी के नेताओं का यह भी कहना है कि रंजीत चौधरी को जनता जगह जगह विजेता की तरह सम्मान कर रही है
मगर वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के साथ-साथ लोकल सूत्रों से आने वाली खबर समाजवादी पार्टी को हैरान करने वाली है, बलिया के क्षेत्रीय सूत्रों का कहना है कि सपा के पूर्व मंत्री मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी को रंजीत की लोकप्रियता रास नही आ रही है और वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सपा के लोगो को बरगला रहे है और रंजीत की राह में रोड़ा अटका रहे है
इस कार्य में जियाउद्दीन रिजवी का साथ कुछ पूर्व सपा नेता भी दे रहें हैं ,जो वर्तमान में किसी और पार्टी के सदस्य हैं।
मगर वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशी को जिताने का दम भर रही है और बलिया के समाजवादी पार्टी के संगठन के नेताओं का कहना है कि कोई भी गणित रंजीत चौधरी को नहीं हरा पाएगी
ऐसे में समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का विषय है,अगर रिजवी अपनी कार्यशैली पर लगाम नही लगाएंगे तो सपा में गुटबाजी को बढ़ावा मिलेगा और आम चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अब देखना यह होगा क्या आने वाले समय में समाजवादी पार्टी इस मामले पर क्या फैसला करती है और किस तरीके से अपने प्रत्याशी को जीता कर जिला पंचायत अध्यक्ष बनाती है।