बीएचयू ने हाइड्रोजन ऊर्जा के उत्पादन एवं इस्तेमाल के लिए किया करार
हाइड्रोजन ऊर्जा के उत्पादन एवं इस्तेमाल के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने नेशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन के साथ एक करार किया है, जिससे आने वाले समय में कार, ऑटो रिक्शा एवं मोटर
साइकिल, रसोई गैस के लिए पर्यावरण अनुकूल ईंधन उपलब्ध हो सकती है।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने गुरुवार को कहा कि हाइड्रोजन ऊर्जा विकास के सन्दर्भ में नेशनल हाइड्रो पावर और बीएचयू के हाइड्रोजन ऊर्जा केन्द्र के साथ एक समझौता हुआ।
इसके लिये आयोजित गोष्ठी में हाइड्रोजन को संग्रहित करने वाले अनुसंधान पर विशेष चर्चा की गई। सहमति बनी कि केन्द्र ने जिस प्रकार वर्ष 2019 में हाइड्राइड कैनिस्टर बनाकर भाभा अनुसंधान केंद्र को प्रदान किया है, उसी तरह शहर में 25-50 आटो चलाने के लिए हाइड्राइड को बनाने की कोशिश की जाये।
केन्द्र के समन्वयक ओ0 एन0 श्रीवास्तव ने बनाई गयी हाइड्रोजन चलित मोटरसाइकिल, ऑटो, नैनो कारखाना बनाने वाला चूल्हा/स्टोव, जेन सेट एवं हाइड्रोजन चलित टरबाइन से बिजली उत्पादन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
वर्ष 2021 के केंद्रीय बजट में सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में हाइड्रोजन ऊर्जा विकास पर विशेष बल दिया है। इस विषय पर अनुसंधान एवं पायलट प्लांट के लिए विशेष आर्थिक मदद का प्रयोजन किया गया है। इस सन्दर्भ में नेशनल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के जनरल मैनेजर प्रशांत आत्रे ने हाइड्रोजन ऊर्जा केंद्र विज्ञान संस्थान के भौतिक विभाग के वैज्ञानिकों से परामर्श किया एवं दोनों संस्थाओं के सहयोग से अनुसंधान एवं पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य करने की योजना बनायी गयी।
इस अवसर पर आर0 एस0 तिवारी, अबु साज, टी0 पी0 यादव समेत कई वैज्ञानिकों मौजूद थे।