विश्व स्तरीय बनेगी भारतीय रेल: पीयूष गोयल

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल सेवाओं को सुरक्षा एवं सुविधा की दृष्टि से विश्व स्तरीय बनाने का आह्वान करते हुए बुधवार को राज्यसभा में इसके निजीकरण की आशंकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि इसके लिए सभी को सहयोग करना होगा। गोयल ने सदन में ‘रेल मंत्रालय के कार्यकरण पर’ लगभग चार घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने पिछले कई सालों में रेल यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के प्रयास किये हैं जिनके बेहतर परिणाम सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान रेलवे की कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि इस दौरान किसी भी रेल कर्मचारी ने अवकाश नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि यात्रियों सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है और इसे निजीकरण नहीं जा सकता। रेल भारत की संपत्ति है और इसका निजीकरण कोई नहीं कर सकता।
उन्होंने महाराष्ट्र और केरल का उल्लेख करते हुए कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण, विस्तार, सुविधा और सेवा के लिए राज्यों को सहयोग करना होगा। उन्होेंने कहा कि रेल का पूंजीगत व्यय बढ़ रहा है और पुरानी परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 2030 की एक योजना तैयार की गयी है। इसमें प्रमुख बंदरगाहाें,खनन क्षेत्र और औद्योगिकी क्षेत्रों को जोडा जा रहा है। इसमें 58 परियोजनाओं की घोषणा की गयी है। इनमें से 25 पूरे हो गये हैं और 31 इस वर्ष दिसंबर तक पूरे हो जाएगें। देश में रेलवे ने 68 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की स्वीकृति दी है। इन्हें अगले तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा। सरकार जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल सेवा पर विशेष जोर दे रही है।
उन्होेंने कहा कि सरकार ने रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए बजट में दो लाख 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि रेलवे ने परिदर्शी व्यवस्था बनायी है और अपना खर्च घटाया है। रखरखाव के खर्च में कमी लायी गयी है और इस वर्ष 5500 किलोमीटर रेललाइन का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। आधुनिकीकरण की व्यवस्था से लंबे समय से कोई ऐसी दुर्घटना नहीं हुई है जिसमें जान माल की भारी नुकसान हो।

 

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