स्वपन दासगुप्ता ने राज्यसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, जाने क्यों

कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव  भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार स्वपन दासगुप्ता पर तृणमूल कांग्रेस) नेता और लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा  ने ‘नियम का पालन’ ना करने का आरोप लगाया था. भाजपा ने राज्यसभा सांसद  स्वपन दासगुप्ता को भी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है. वह तारकेश्वर से चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे. मोइत्रा ने स्वपन की उम्मीदवारी पर सवाल उठाए थे.

लोकसभा सांसद ने सवाल किया था कि मनोनीत सदस्य होते हुए स्वपन किसी पार्टी में कैसे शामिल हो सकते हैं. मोइत्रा का दावा था कि अगर वह ऐसा करते हैं तो उन्हें या तो अयोग्य घोषित किया जाए या फिर वह इस्तीफा दें.  अब स्वपन ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

दरअसल स्वपन दासगुप्ता राज्यसभा के मनोनीत सदस्य थे. नियमानुसर अगर कोई सदस्य मनोनीत होने के 6 महीने के बाद किसी दल में शामिल  होता है तो उसकी सदस्यता अयोग्य घोषित हो जाएगी.

मोइत्रा ने उठाये थे यह सवाल
मोइत्रा ने लिखा था- ‘स्वपन दासगुप्ता भाजपा के उम्मीदवार हैं. संविधान की 10 वीं अनुसूची कहती है कि यदि कोई शपथ के 6 महीने बाद किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है तो आरएस सदस्य को अयोग्य घोषित किया जाएगा. उन्हें अप्रैल 2016 में शपथ दिलाई गई थी. भाजपा में शामिल होने पर अब उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.’

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एक अन्य ट्वीट में मोइत्रा ने कहा था- ‘राज्यसभा की वेबसाइट पर आज के अनुसार स्वपन दासगुप्ता को नामित और औपचारिक रूप से भाजपा के सदस्य नहीं है. यदि वह भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करते हैं तो उन्हें संविधान की 10 वीं अनुसूची (पैरा 2 (3)) के अनुसार अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.’

इसके साथ ही दासगुप्ता के इस्तीफा देने के बाद भी मोइत्रा ने ट्वीट किया. मोइत्रा ने लिखा- ‘राज्यसभा से स्वपन दासगुप्ता ने इस्तीफा दिया. धन्यवाद सर- आगामी चुनावों के लिए हम आपको शुभकामनाएं देते हैं.’

सिंडिकेट होगा खत्म- दासगुप्ता

हुगली जिले की तारकेश्वर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाये जाने के कुछ ही मिनट बाद दासगुप्ता ने कहा था कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के ‘सिंडिकेट राज’ को खत्म करना चाहती है. दासगुप्ता ने बाहर रह रहे राज्य के लोगों से कहा कि वे ‘आर्थिक मदद’ दें एवं ‘सोनार बांग्ला’ (स्वर्णिम बंगाल) बनाने में भाजपा की मदद करें . उन्होंने कहा था, ‘राज्य के हालात से हम सभी वाकिफ हैं. हिंसा एवं अवैध वसूली का माहौल है…इसे हम खत्म करना चाहते हैं. भाजपा सुनिश्चित करेगी कि बंगाल के लोगों को शांति से रहने को मिले.’

दासगुप्ता ने कहा था कि राज्य में ‘रोजगार के अवसर खत्म हो गए हैं’ और प्रतिभाशाली युवा नौकरियों और उच्च शिक्षा के लिए बाहर जा रहे हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर तारकेश्वर केंद्र से पश्चिम बंगाल भाजपा द्वारा मुझे उम्मीदवार बनाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. ’

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