JNU राजद्रोह मामले में कन्हैया और उमर खालिद समेत इतनों की हुयी बेल
नई दिल्ली
जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय राजद्रोह मामले के आरोपी सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए। JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, पूर्व छात्र उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य समेत कुल 10 आरोपी हैं। कन्हैया और अनिर्बान पहले से इस मामले में जमानत पर हैं। उमर खालिद दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में जुडिशियल कस्टडी में हैं। उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश करने के बाद वापस जेल भेज दिया गया। अनिर्बान बाहर होने की वजह से पेश नहीं हो सके।
सोमवार को बाकी आरोपियों के वकीलों ने भी बेल की गुहार लगाई जिसके बाद कोर्ट ने 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी। अदालत ने दिल्ली पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि वह आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी व अन्य दस्तावेज मुहैया कराए। अदालत ने 7 अप्रैल को दस्तावेजों की स्क्रूटनी की तारीख तय कर दी।
इन 10 लोगों के खिलाफ दायर की गई थी चार्जशीट
- कन्हैया कुमार
- उमर खालिद
- अनिर्बान भट्टाचार्य
- आकिब हुसैन
- मुजीब हुसैन
- मुनीब हुसैन
- उमर गुल
- रईया रसूल
- बशीर भट
- बशारत अली
आरोपी छात्रों पर ये लगी धाराएं
124ए/323/465/471/143/147/149/120बी के तहत आरोप लगाए गए हैं। इन पर धारा 124ए (राजद्रोह), 323 (जानबूझ कर चोट पहुंचाना), 471 (फर्जी कागज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक की तरह इस्तेमाल करना), 143 (अवैध सभा का हिस्सा होना के लिए दंड), 149 (अवैध सभा का हिस्सा होना), 147 (दंगा करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
दिल्ली पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट में कई आरोपियों के नाम 12वें कॉलम में हैं, क्योंकि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इनमें सीपीआई नेता डी. राजा की बेटी अपराजिता, शहला रशीद (तत्कालीन जेएनयूएसयू उपाध्यक्ष), रमा नागा, आशुतोष कुमार, बनोज्योत्सना लाहिड़ी (सभी जेएनयू के पूर्व छात्र) समेत 36 अन्य के नाम हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
9 फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और मकबूल बट को दी गई फांसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। जेएनयू प्रशासन ने इसकी इजाजत देने के बाद वापस ले ली थी। आरोप है कि इसी दौरान देश विरोधी नारेबाजी हुई। कन्हैया उस वक्त जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे।
भाजपा के तत्कालीन सांसद महेश गिरि और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की शिकायत पर 11 फरवरी 2016 को वसंत कुंज (उत्तर) थाने में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। चार दिन बाद कन्हैया कुमार को अरेस्ट कर लिया गया। दो और स्टूडेंट्स भी अरेस्ट हुए। गिरफ्तारियों के बाद देश की कई यूनिवर्सिटीज में इस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन हुए।