बांग्लादेशी पिता पुत्र पेश होंगे लखनऊ की अदालत में

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आतंकवादी निरोधक दस्ते(एटीएस) के हत्थे चढ़े बांग्लादेशी पिता पुत्र को शनिवार को पासपोर्ट अधिनियम उल्लंघन,धोखाधड़ी और जालसाजी आदि धाराओं के साथ लखनऊ की अदालत में पेश किया जायेगा।

एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक डा वीके गोस्वामी ने यूनीवार्ता को बताया कि शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिक पिता-पुत्र से बांग्लादेशी सिम आदि भी बरामद हुए हैं। पिता-पुत्र को लेकर एटीएस आज तीन-चार बजे तक लखनऊ पहुंच जाएगी जहां एटीएस थाने में उनके खिलाफ में मुकदमा दर्ज कराकर कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।


उन्होने बताया कि करीब 28 वर्ष पूर्व उमर मोहम्मद उस्मान अवैध तरीके से पश्चिमी बंगाल में घुसा और वहां उसने अपने पहचान पत्र,वोटर कार्ड एवं अन्य जरूरी कागजात बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक घोषित करने का काम किया। वहां से वह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ आ गया जहां उसने पेन कार्ड, आधार कार्ड आदि तैयार करवा लिए और वह भारतीय नागरिक बन गया। उसका लड़का तनवीर 20-22 वर्ष का है। उसका जन्म भारत में ही हुआ।


खुफिया सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद एटीएस की टीम ने सहारनपुर नगर के थाना मंडी के तहत नदीम कालोनी में मुजफ्फर मस्जिद के पास से उन्हें गिरफ्तार किया। डा. गोस्वामी ने बताया कि गिरफ्तार पिता-पुत्र बांग्लादेश भागने की फिराक में थे हालांकि उस्मान की पत्नी पहले ही बांग्लादेश जा चुकी है। दोनों बांग्लादेश के ईस्ट ओमानखिल थाना रामू जिला कोकस बाजार के मूल निवासी हैं।


आईजी ने बताया कि एटीएस अफसरों द्वारा शुरूआती पूछताछ में उमर मोहम्मद उस्मान ने बताया कि वे लोग बांग्लादेश के लोगों को भारत में बुलाते थे और फिर उनके अवैध सरकारी कागजात बनवाकर उनको शरण दिलाने का काम करते थे और मोटी रकम लेकर रोजगार मुहैया कराने का भी काम करते थे।\

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एटीएस इस बात की जानकारी करने का प्रयास कर रही है कि इन लोगों का संपर्क किसी आतंकवादी संगठन से है या नहीं। सहारनपुर के एसएसपी डा. एस चनप्पा ने कहा कि एटीएस द्वारा अर्जित की गई इस महत्वपूर्ण सफलता के बाद सहारनपुर पुलिस इस तरह के देश विरोधी तत्वों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने का काम करेगी।


सहारनपुर 40 फीसदी मुस्लिम आबादी वाला जिला है। यहां दुनियाभर के इस्लामिक शिक्षा के मदरसे हैं। वुड कार्विंग का बड़ा व्यवसाय है और कई पशुवध शालाएं हैं जहां ये लोग अपनी पहचान छिपाकर नौकरी प्राप्त कर लेते हैं और अपना धंधा और देशविरोधी गतिविधियों का संचालन बखूबी करते रहते हैं। डेढ़ साल पहले बांग्लादेशी नागरिकों रफीकुल इस्लाम, मोहम्मद अहमद, मोहम्मद मिनहाज, मनीर उद्मान, मोहम्मद इस्माइल को देवबंद से गिरफ्तार किया गया था।


वर्ष 2018 में भी उत्तर प्रदेश एटीएस ने विदेशी नागरिक युसूफ समेत तीन बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की थी। नवंबर-2020 में एटीएस ने इसी मंडी कोतवाली क्षेत्र की कमेला कालोनी से दो बंग्लादेशी इकबाल और फारूक को गिरफ्तार किया था। जाहिर है सहारनपुर जिला अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों का सुरक्षित शरण स्थली बना हुआ है।

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