लद्दाख सांसद के नेतृत्व में बौद्ध धर्म के प्रतिनिधियों ने शिक्षा मंत्री से की मुलाकात
नई दिल्ली | लद्दाख के लोकप्रिय युवा सांसद ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर भारत में बौद्ध संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने, बौद्ध स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए किए जा रहे हैं सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए अपने कुछ सुझाव प्रस्तुत किए | लद्दाख के सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल के साथ बौद्ध समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में हिमालयन बौद्ध मठों और बौद्ध संघों के नेतृत्वकर्ता भी इस मुलाकात में शामिल रहे | इस मुलाकात के दौरान बौद्ध धर्म के प्रतिनिधियों ने बौद्ध धर्म से संबंधित पाठ्यक्रमों की शुरुआत बौद्ध धर्म की भाषा पाली के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी सरकार से निभाने का आग्रह किया |
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लद्दाख के सांसद ने सभी बौद्ध धर्म से संबंधित पाठ्यक्रम बौद्ध विद्वानों और विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित बौद्ध धर्म पर वार्षिक सम्मेलन पर एक व्यापक का डेटाबेस तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय और भारत सरकार की पहल की सराहना की | इस संबंध में लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र तक स्थित गैर सरकारी बौद्ध संस्थानों और संघों से डेटा, फीडबैक और सूचनाएं एकत्र करने का अनुरोध करते हुए एक ज्ञापन शिक्षा मंत्री को सौंपा | मौजूदा समय में बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार की बड़ी जिम्मेदारी भारत में एनजीओ निभा रहे हैं बौद्ध भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ यह सभी एनजीओ हजारों हिमालय बौद्ध भिक्षुओं और नन छात्रों के लिए उच्च बौद्ध अध्ययन की सुविधा भी प्रदान करते हैं | बौद्ध प्रतिनिधियों का कहना है कि अब सरकार को भी बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार और संरक्षण की जिम्मेदारी लेनी चाहिए | जिससे बौद्ध संस्कृति को संरक्षित करने में आसानी हो सकेगी | इन सब के अतिरिक्त इस मुलाकात में लद्दाख के सांसद ने बौद्ध संस्थानों की डाटा फीडिंग की तिथि को 10 दिन और बढ़ाने का भी आग्रह किया |