महंगाई ने आम आदमी की तोड़ी कमर, पेट्रोल डीजल के इन सबके भी बढ़े दाम
नई दिल्ली. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के बाद महंगे हो रहे रसोई के सामान ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. इस महीने प्याज, दाल, खाने के तेल सहित मसालों के दाम में भी तेजी देखी गई. प्याज की कीमतें जनवरी की तुलना में 25% से 30% अधिक हैं. वहीं मसूर और उड़द दाल की कीमतें जनवरी की तुलना में 10% बढ़ी हैं, जबकि इसी अवधि में अरहर की कीमतें 20% तक उछल देखी गई. थोक खाद्य तेल की कीमतें इस साल विभिन्न तेलों के लिए 30% से 60% तक बढ़ गई हैं.
एक महीने से प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. इन दिनों खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपये किलो तक मिल रही है. गाजीपुर मंडी में इस वक्त प्याज की कीमत 20 से लेकर 40 प्रति किलो तक चल रही है. प्याज की ताजा आवक राजस्थान से शुरू तो हो गई है, लेकिन वह फिलहाल काफी कम है. इसीलिए कीमतों पर असर फिलहाल नहीं दिखाई पड़ रहा है.
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मसालों में तेजी देखने को मिल रही है और अगस्त 2016 के स्तर पर हल्दी कारोबार कर रहा है. जनवरी से अब तक धनिया में करीब 25 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है. मजबूत मांग से रिकॉर्ड हाई पर सोयाबीन का भाव पहुंच गया है. चीन की मजबूत मांग से CBOT सोयाबीन में तेजी देखने को मिल रही है. सरसों उत्पादन रिकॉर्ड हाई पर रहने का अनुमान है. जनवरी से अब तक सरसों में करीब 40 फीसदी की बढ़त देखने को मिल रही है. जनवरी से अब तक चना में करीब 22 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है.
पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सीधा असर महंगाई पड़ता है. डीजल के महंगा होने से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में इजाफा हो गया है और इस बढ़ी लागत का हवाला देकर ट्रांसपोर्टर भाड़ा दरें बढ़ाने की तैयारी करने लगे हैं. उनके मुताबिक 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करना जरूरी है. ऐसा होने से इसका सीधा असर महंगाई पर पड़ेगा.
विशेषज्ञों ने कहा कि अत्यधिक बारिश के कारण उपज के नुकसान ने प्याज और दालों की कीमतों में वृद्धि की है, जबकि खाद्य तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति चेन में कमी के कारण चढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि प्याज के लिए कीमतों में कम से कम एक महीने तक और खाद्य तेलों के लिए जून / जुलाई तक घटने की उम्मीद नहीं है.