ये होगी मोदी की नई कैबिनेट, सबसे ताकतवर पदों पर कुछ चौंकाने वाले नाम!
पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच मंगलवार को पांच घंटे की मैराथन बैठक हुई। ये बैठक कैबिनेट का प्रारूप तय करने के सिलसिले में हुई। जिन सांसदों के मंत्री बनने की संभावना है उन्हें आज शाम से फोन कॉल आना शुरू हो जाएंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी उन्हें फोनकर ये जानकारी देंगे।
शपथ ग्रहण समारोह कल शाम राष्ट्रपति भवन में 7 से 8.30 बजे के बीच होगा।
इस बीच मोदी सरकार में सबकी निगाहें लगी हुई हैं सीसीएस में शामिल मंत्रियों पर। सीसीएम यानि कैबिनेट कमेटी ऑन सेक्योरिटी में पीएम के साथ ही चार अहम मंत्री शामिल होते हैं। ये हैं गृह मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री। इन्हें ही सरकार का टॉप मोस्ट मंत्री माना जाता है। अमित शाह के वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री बनने की संभावना जताई जा रही है। अरूण जेटली का स्वास्थ्य खराब है, इसलिए वे वित्त मंत्री के पद को नही संभाल सकेंगे। उन्होंने एक चिट्ठी के ज़रिए इस बात की जानकारी भी दे दी है। अरुण जेटली ने नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख के अनुरोध किया है कि उन्हें कैबिनेट में न रखा जाए। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। चूंकि बीजेपी के भीतर एक व्यक्ति एक पद की नीति है, इसलिए अमित शाह के कैबिनेट का हिस्सा होने की सूरत में बीजेपी का नया अध्यक्ष चुना जाएगा।
राजनाथ सिंह गृह मंत्री बने रह सकते हैं। हालांकि कयास इस बात के भी लगाए जा रहे हैं कि उन्हें लोकसभा स्पीकर बनाया जा सकता है। मगर गृहमंत्री बने रहने की संभावना ज्यादा मजबूत है। सुषमा स्वराज हालांकि लोकसभा का चुनाव नही लड़ीं थीं, लेकिन उन्हें एक बार फिर से विदेश मत्री बनाया जा सकता है। हालांकि इस पद पर स्मृति ईरानी की भी चर्चाएं हैं। इसके पीछे की वजह राहुल गांधी जैसी बड़ी शख्सियत को हराना है।
निर्मला सीतारमन ने पिछले कार्यकाल में राफेल के मुददे पर सरकार का जमकर बचाव किया था। उन्हें इसके ईनाम के तौर पर रक्षा मंत्री पद पर बनाए रखा जा सकता है।
इसके अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल का प्रमोशन हो सकता है। वे पहले भी अरूण जेटली की गैर मौजूदगी में वित्त मंत्री का पद संभाल चुके हैं। पीयूष गोयल रेलवे और पावर का पद संभाल सकते है |
इसी तरह नितिन गड़करी को इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर एक कंबाइंड मिनिस्ट्री दी जा सकती है जिसमे सड़क यातायात, राजमार्ग से लेकर शिपिंग तक शामिल हों। रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर जैसे नेताओ को भी अच्छे पदों से नवाजा जा सकता है। धर्मेंद्र प्रधान एक बार फिर पेट्रोलियम मंत्री का पद संभाल सकते है |
केंद्र में पहली बार मंत्री बनाने की लिस्ट में उत्तर प्रदेश से सत्यदेव पचौरी, विनोद सोनकर, ओडिशा से अपराजिता सारंगी, संगीता सिंह देव, छत्तीसगढ़ से मोहन मंडावी, गुहाराम अजगले, हरियाणा से अरविंद शर्मा आदि नामो की चर्चा है। रीता बहुगुणा जोशी, एसपीएस बघेल, भानुप्रताप वर्मा और रेखा वर्मा भी मंत्री बनने की दौड़ में हैं।
सहयोगियों में शिवसेना से अनिल देसाई, भावना गवली, लोजपा से चिराग पासवान और अकाली दल से सुखबीर बादल के नाम चर्चा में हैं। सामाजिक समीकरणों को देखते हुए भी कुछ सांसद मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं। इनमे दूसरी बार सांसद बने राजवीर सिंह, कर्नाटक से चुनी गई शोभा करंदलाजे शामिल हैं। कुछ जॉइंट किलर्स यानि बड़ी बड़ी शख्सियतों को हराने वाले व्यक्तियों को भी मंत्री पद का ईनाम दिया जा सकता है। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को हराने वाले वासवराज पाटिल, मल्लिकार्जुन खड़गे को हराने वाले उमेश जाधव, मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले केपी यादव के नाम शामिल हैं।
ये भी माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट के कुछ परिचित चेहरे इस मंत्रिमंडल से गायब रह सकते हैं। माना जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल की औसत आयु भी पिछले कार्यकाल की तुलना में करीब 10 साल युवा होगी।