पोक्सो एक्ट के तहत दस साल का कारावास
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुरेन्द्र वैद्य ने एक महत्वपूर्ण फैसले में हरी राम को पोक्सो अधिनियम के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
कारावास के साथ 25 हजार रुपये जुर्माने की भी सजा सुनाई गई है।
मुकदमें की पैरवी कर रहे जिला न्यायवादी कुल्लू एन.एस. चोैहान ने बताया कि कुल्लू जिला की तहसील भुंतर के गांव जान के हरी राम, पुत्र नंदु राम को बच्चों को यौन अपराध से संरक्षण अधिनियम, 2012 (पोक्सो) की धारा 4 के अंतर्गत दोषी पाया गया है।
चोैहान ने कहा कि 30 जुलाई, 2017 को कुल्लू जिला की भुंतर तहसील के गांव बनाशा डाकघर कसलाडी की जीतु देवी, पत्नी रेवत राम ने महिला थाना कुल्लू की एसएचओ को एक लिखित शिकायत दी 30 जुलाई 2017 को वह अपनी 14 साल की बेटी को घर पर छोड़कर अपने पति के साथ काम करने के लिए खेतों में गई थी। सांयकाल लगभग साढ़े पांच बजे जब वे खेत से वापिस घर आई तो पाया कि उनकी नाबालिग लड़की घर पर नहीं थी। वह अपनी लड़की की तलाश में आरोपी की घर पहुंची और पाया कि आरोपी के कमरे में अंदर से कुंडी लगी हुई थी।
शिकायतकर्ता ने अपनी बेटी की रोने की आवाज सुनी। उसके उपरांत लडकी की मां नेे दरवाजे पर लात मारी और आरोपी हरी राम ने दरवाजा खोल दिया। शिकायतकर्ता कमरे के अंदर गई और देखा कि उसकी नागालिग लड़की आप्पतिजनक हालत में थी और रो रही थी। लड़की को पूछने पर उसने माॅं को बताया कि हरी राम ने उसके साथ दुराचार यानि यौन उत्पीड़न किया है।
शिकायत के आधार पर 30 जुलाई 2017 को महिला पुलिस थाना कुल्लू में आरोपी के विरूद्ध एफआईआर संख्या 18ध्17 के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच एसएचओ ओमा ठाकुर ने की। जांच पूरी होने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई और आरोपी को मुकदमें का सामना करने के लिए भेजा गया। जिला न्यायवादी ने बताया कि ट्रायल के दौरान अभियोजन ने कुल 19 गवाहों के बयान रिकार्ड किए और बहस के उपरांत विशेष न्यायाधीश कुल्लू पुरेन्द्र वैद्य ने आरोपी को बुधवार को सजा सुनाई।