राजेन्द्र कुमार गौतम ने उत्तर प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र कुमार गौतम ने कहा कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में योगी सरकार के इशारे पर पुलिस फर्जी कहानी बनाकर पीड़िता को ही दोषी बनाने का काम कर रही है,इस लिये घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये। गौतम ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हाथरस की तरह उन्नाव की बेटियों का भी चरित्र हनन कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी नाकामयाबी पर पर्दा डाल रहे हैं। योगी सरकार के इशारे पर पुलिस फर्जी कहानी बनाकर पीड़िता को ही दोषी बनाने का काम कर रही है।
राजेंद्र गौतम ने शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि पीड़ित परिवार काफी डरा हुआ था। वो खुल के बात भी नहीं कर पा रहा था। जिस तरह की असामान्य परिस्थितियों में वहां तीनों बच्चियां पाई गई, उसके आधार पर पहले ही कह रहा था कि पुलिस की आत्महत्या वाली थ्योरी सही नहीं है। अब पुलिस ने इसे हत्या का मामला मानते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और इसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करा कर पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिया जाना चाहिए। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके स्वजन पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में घटना की उच्चस्तरीय जांच बहुत जरूरी है।
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था हालत बेहद खराब है। एक के बाद एक महिलाओं का उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। यहां ना अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग सुरक्षित हैं न पिछड़े और अल्पसंख्यक। ब्राह्मणों की भी हत्या हो रही हैं। यहां थाने में घुसकर गुंडे पुलिसवालों को पीट रहे हैं। यूपी में घोर जंगलराज चल रहा है। इन घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए।
गौतम ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली जैसे मुद्दों पर योगी सरकार की नीति और नीयत में खोट है। 24 करोड़ की आबादी पर यूपी सरकार शिक्षा क्षेत्र में जितना बजट खर्च करती है दिल्ली में दो करोड़ 40 लाख की आबादी पर शिक्षा क्षेत्र में उतनी ही रकम खर्च की जाती है। छोटा राज्य होने के कारण दिल्ली का बजट यूपी से काफी कम है, फिर भी उनकी सरकार जनता को बेहतर शिक्षा, अच्छे अस्पताल और सस्ती बिजली उपलब्ध करा रही हैं। अच्छा है कि अभी योगी आदित्यनाथ नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए इस्तीफा दे दें। वरना 2022 में जनता उन्हें खुद हटा देगी।