गुरुदेव टैगोर न केवल बंगाल बल्कि भारत की विविधता के गौरव थे- नरेन्द्र मोदी

मोदी ने कहा, “ गुरुदेव का मानना था कि हमें विभिन्न विचारधाराओं और विभिन्नताओं के बीच खुद को खोजना होगा। गुरुदेव टैगोर न केवल बंगाल बल्कि भारत की विविधता के गौरव थे।”
उन्होंने छात्रों से यह बात हमेशा याद रखने का आग्रह किया कि ज्ञान, विचार और कौशल स्थिर रहने वाली चीजें नहीं हैं बल्कि यह गतिशील और निरंतर चलती रहने वाली प्रक्रिया है।
मोदी ने कहा,“ ज्ञान और शक्ति के साथ जिम्मेदारी आती है। व्यक्ति को शक्तिशाली बनने पर संयमित और संवेदनशील बने रहना चाहिए। हर विद्धान को उन लोगों के प्रति भी जिम्मेदार बनना चाहिए जो ज्ञानी नहीं हैं। ”
प्रधानमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुये कहा,“ आपका ज्ञान सिर्फ आपका नहीं बल्कि यह समाज और देश की धरोहर है। आपका ज्ञान और कौशल राष्ट्र को गौरवान्वित कर सकता है या समान को बदनामी और बर्बादी के अंधेरे में भी धकेल सकता है। ”
उन्होंने कहा, “ विश्व में आतंक और हिंसा फैलाने वाले कई लोग उच्च स्तर के शिक्षित और कुशल हैं। दूसरी तरफ, कुछ लोग कोविड-19 जैसी महामारी से लोगों को बचाने के लिए अपने जीवन को खतरे में डाल दे रहे हैं और अस्पतालों एवं प्रयोगशालाओं में डटे हैं। ”

 मोदी ने कहा कि बात विचारधारा की नहीं बल्कि मानसिकता की है, सकारात्मक और नकारात्मक दोनों के लिए रास्ते खुले हैं। उन्होंने छात्रों से यह निर्णय करने के लिए कहा कि वे समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का।
उन्होंने कहा कि अगर वे (छात्र) देश काे पहले स्थान पर रखेंगे तो उनका हर निर्णय किसी समाधान की ओर जाएगा।

 

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