भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था पर आप के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने साधा निशाना
यूपी की पुलिस कहीं से किसी नौजवान को उठाकर ले जाती है और थाने में पीट-पीटकर उसे मार दिया जाता है। प्रदेश में पुलिस कस्टडी और जयूडिशल कस्टडी मैं मौत का एक नया चलन शुरू हो गया है। कोई इसके खिलाफ आवाज उठाए तो उस पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है। योगी सरकार लोगों को न्याय दिलाने की जगह किसानों पर मुकदमा दर्ज कराने में लगी है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों के लिए लाए गए काले कानूनों को वापस कराने की मांग को लेकर मेरठ में ऐतिहासिक किसान महापंचायत करेंगे । ये बातें बुधवार को आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं।
संजय सिंह ने जौनपुर के 25 वर्षीय कृष्णा यादव पुलिस हिरासत में हुई मौत को लेकर कहा कि इस सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। उन्होंने कृष्णा यादव के घरवालों से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि पूरा परिवार रो-रो कर न्याय मांग रहा है। प्रदेश में कानून व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं बचा है। सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने में नहीं बल्कि मुकदमे दर्ज करा कर लोगों की आवाज दबाने में जुटी है। यहां अपराध पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए बोलने या किसानों के हक में आवाज उठाने पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।
संजय सिंह ने कहा, 4 साल में गन्ने का मूल्य एक रुपये भी नहीं बढ़ा और मोदी जी किसानों की आय दोगुनी करने की बातें करते हैं। इस बीच पेट्रोल-डीजल के दाम कहां से कहां पहुंच चुके हैं, लेकिन किसानों के गन्ने की कीमत नहीं बढ़ सकी। किसान परेशान हैं। ऊपर से सरकार उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज करके और परेशान कर रही है। जिन तीनों काले कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलित हैं वो सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए काला कानून है। इसमें की गई कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की व्यवस्था से किसान अपने खेत में ही गुलाम बनकर रह जाएगा। असीमित भंडारण की व्यवस्था के प्राविधान से बड़े व्यापारी किसानों की उपज सस्ती कीमत पर खरीद कर बाद में महंगे दामों पर बेचेंगे। इससे महंगाई और बढ़ेगी।
संजय सिंह ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन देश हित में है। आम आदमी पार्टी तन-मन-धन से किसानों की लड़ाई लड़ रही है। अरविंद केजरीवाल जी ने सिंघु बॉर्डर हो, टिकरी बॉर्डर हो या गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने से लेकर उनके लिए पानी, शौचालय, भोजन आदि की व्यवस्था में जो भी बन सका किया। हम लोगों ने संसद में तीनों काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई, मगर यह सरकार हमें सुनने के लिए तैयार नहीं है।इस आंदोलन में अब तक 200 किसान शहीद हो चुके हैं और हरियाणा के कृषि मंत्री किसानों की शहादत पर मजाक उड़ाते हैं, हंसते हैं। यह बेहद शर्म की बात है। यह भारतीय जनता पार्टी की सोच और मानसिकता का परिचय देता है। मेरठ के दिल्ली बाईपास पर संस्कृति बैंक्विट के मैदान में 28 को होने जा रही महापंचायत में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी कृषि काले कानूनों को वापस कराने की मांग को लेकर मेरठ में किसान महापंचायत करेंगे ।
संजय सिंह ने कहा कि कृष्णा यादव के मामले में जौनपुर के एसपी, थानेदार सहित जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उनको सस्पेंड किया जाए। उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए और उनके खिलाफ 302 का मुकदमा होना चाहिए। थाने में युवक को पीट-पीटकर मार दिया गया, जनता के आगे इसका जवाब आदित्यनाथ की सरकार को देना चाहिए। इस मौके पर संजय सिंह ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश महामंत्री नरेंद्र देव श्रीवास्तव को पार्टी की सदस्यता दिलाई। आम आदमी पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए नरेंद्र देव श्रीवास्तव पूर्व में बसपा से कैंट विधानसभा सीट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं। बसपा के लिए तमिलनाडु प्रभारी रह चुके नरेंद्र देव श्रीवास्तव ने यूपी में कोऑर्डिनेटर सहित कई अहम पदों पर काम किया है।
दिल्ली में हुई रिंकू शर्मा की हत्या को लेकर हुए एक सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि जबसे अमित शाह गृहमंत्री हुए हैं तब से दिल्ली की पुलिस व्यवस्था चौपट हो गई है। यह घटना भी उसी का परिणाम है। अगर उनसे दिल्ली की पुलिस नहीं संभाली जा रही है तो उसे दिल्ली सरकार को सौंप दें। हमने जैसे वहां अन्य विभागों को सही किया वैसे पुलिस को भी सुधार देंगे। संजय सिंह ने कहा कि भाजपाइयों को राम का नाम लेने का हक नहीं है। प्रदेश के कई जिलों में राम के नाम पर फर्जी ढंग से चंदा वसूलने के आरोप में भाजपाइयों पर मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इस तरह का अमर्यादित आचरण करने वाले कार्यकर्ताओं के कारण भाजपा राम का नाम लेने का हक खो चुकी है।