किसानों को चना में तेवड़ा और गेहूं में मिट्टी की रोकथाम के उपाय बताएं- कियावत
भोपाल, मध्यप्रदेश के भोपाल संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने संभाग के सभी जिलों के कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खरीदी केंद्रों पर विवाद से बचने के लिए किसानों को जागरूक कर उन्हें गेंहू में मिट्टी और चना में तेवड़ा मिलने से रोकने के उपाय बताए जाएं।
कियावत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को पंजीयन केंद्र पर शिविर आयोजित कर बताएं कि खेत में ही चने के साथ पैदा हुए तिवड़ा को कैसे दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि किसान तिवड़ा का उपयोग पशुचारे के रूप में कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि धान वाले क्षेत्रों में मेड़ से लगकर बोए गए गेहूं में थ्रेसर के दौरान मिट्टी मिलने की आशंका रहती है। मेड से लगी फसल को हाथ से ही काट कर इस समस्या से बचा जा सकता है।
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उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी किसानों को जनहित और पर्यावरण हित में नरवाई नहीं जलाने के लिए संकल्प पत्र भरवाएं। नरवाई जलाने के दुष्परिणामों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। नरवाई जलाने से जन-धन की हानि के साथ ही पर्यावरण का नुकसान होता है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती है।
इसके साथ ही शासकीय गौशालाओं के पशुओं के लिए चारा दान करने के लिए भी संकल्प पत्र भरवाया जाए। खरीदी केन्द्रों पर किसानों को सभी नियमों की अच्छे से जानकारी दी जाए।
इस दौरान जानकारी दी गई कि रायसेन में 114000 हेक्टेयर, विदिशा में 134500, राजगढ़ में 82580, सीहोर में 51000 हेक्टेयर में चना की बोवनी हुई है।