निकाय चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने किया बड़ा बदलाव, जानिए क्या

भोपाल
एमपी में अवैध कॉलोनियां हर चुनाव में मुद्दा रहा है। प्रदेश में कुछ ही दिनों बाद निकाय चुनाव होने वाले हैं। नगर की सरकार पर कब्जा की तैयारी सभी राजनीतिक दलों ने शुरू कर दी है। लेकिन बीजेपी कुछ ज्यादा ही एग्रेसिव मोड में तैयारी कर रही है।
चुनाव की तारीखों से पहले शिवराज सरकार वोटरों को लुभाने के लिए कुछ बड़ा फैसला ले सकती है। चर्चा है कि प्रदेश की सरकार एमपी में 6 हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियों को वैध करार दे सकती है।

दरअसल, अवैध कॉलोनियों को वैध करने में कई अड़चने हैं। इसलिए नगरीय प्रशासन ने पेंडिंग नियमों को मोडिफाई कर नए एक्ट के ड्राफ्ट को मंत्रालय भेज दिया है। नए ड्राफ्ट पर शिवराज सरकार अगले सप्ताह कैबिनेट की बैठक में चर्चा कर सकती है।

प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद एमपी विधानसभा के बजट सत्र में इसे पेश किया जा सकता है। एमपी में 22 फरवरी से बजट सत्र की शुरुआत हो रही है। इससे पहले भी नियमों में परिवर्तन कर राज्य सरकार ने कुछ कॉलोनियों को वैध करार दिया था। लेकिन ग्वालियर हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी।

प्रदेश में करीब 6876 अवैध कॉलोनियां हैं। ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल और इंदौर में सबसे ज्यादा कॉलोनियां हैं। शिवराज सरकार अगर निकाय चुनाव से पहले इन्हें वैध कर देती है तो यह बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित होगा। हालांकि शिवराज सिंह ने 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी यह घोषणा किया था। लेकिन सत्ता में वापस नहीं लौट पाए थे और कांग्रेस की सरकार में यह ठंडे बस्ते में चला गया था।

दरअसल, एमपी में निकाय चुनाव दिसंबर में ही होने थे। कोरोना की वजह से 3 महीने तक चुनाव टाल दिया गया है। ऐसे में हर राजनीतिक दलों को तैयारियों का मौका मिल गया है। वोटरों को लुभाने के लिए शिवराज सरकार अब कुछ अहम निर्णय ले सकती है। साथ ही संगठन स्तर पर बीजेपी भी तैयारियों में जुटी है।

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