किसानों की चेतावनी के बाद पुलिस हुई अलर्ट, बनाई गई 10 लेयर की सुरक्षा, खड़ी की गई दीवारें
नए कृषि कानून (New Farm Law) के विरोध में किसानों का आंदोलन करीब 70 दिनों से अधिक समय से जारी है, ऐसे में सिंघू बॉर्डर (Sindhu Border) पर किसान आंदोलन में पुलिस का पहरा बढ़ गया है। बॉर्डर पर अब पांच लेयर की सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है। आंदोलनकारी किसानों तक अब आम लोगों का प्रवेश पूर्णरूप से बंद कर दिया गया है। मीडिया को भी चौथी लेयर से आगे मंच की तरफ जाने की इजाजत नहीं है। मंगलवार को पहले से ज्यादा सख्ती होने के कारण किसानों तक जरूरी सामान पहुंचना भी मुश्किल हो गया है।
दिल्ली और हरियाणा की ओर से कई बैरिकेड्स लगने के बाद से धरना स्थल तक सामान लेकर जाने वाले वाहनों को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। हरियाणा की ओर से सिंघू बॉर्डर से कुछ दूरी तक ही गाडिय़ां जा पाती हैं, किसान पैदल जाकर खुद ही सामान लेकर धरना स्थल तक आते हैं।
4 फुट ऊंची और 5 फुट चौड़ी कंक्रीट की दीवार
आंदोलन में गड़बड़ी की आशंका देखते हुए इस बार पुलिस ने बॉर्डर पर मंगलवार सुबह 4 फुट ऊंची और 5 फुट चौड़ी कंक्रीट की दीवार बना दी है, बड़े-बड़े कंटेनर्स को कंक्रीट-पत्थरों से भर दिया गया है। ज्ञात हो कि रविवार और सोमवार को टीकरी बॉर्डर पर सड़क खोदकर उसमें लंबी-लंबी कीलें व नुकीले सरिया लगा दिए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को यहां पर पहले से और भी मजबूत कर दिया गया है।
इसके अलावा बॉर्डर पर रोड-रोलर भी खड़े हैं, ताकि किसान अगर दिल्ली में घुसने का प्रयास करें तो उन्हें रोकने के लिए रोड रोलर को सड़क पर खड़ा किया जा सके। सिंघू बॉर्डर पर सड़कों पर नुकीले सरिये गाडऩे पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह रणनीति विदेशों में काफी कारगर साबित होती है, जिसमें वह आंदोलनकारियों पर बल प्रयोग नहीं कर सकते हैं और आंदोलनकारियों को भी रोक सकते हैं।
महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार से भी पहुंचे लोग
गाजीपुर बार्डर पर बीकेयू की उत्तरप्रदेश इकाई के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा, आंदोलन तो होता ही है मुश्किल में, आराम से कौन सा आंदोलन होता है। गाजीपुर बार्डर अब उच्च सुरक्षा जैसे किले में तब्दील कर दिया गया है। खटाना ने कहा कि अबतक उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड से समर्थक गाजीपुर आये हैं जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार जैसे राज्यों से भी कुछ लोग पहुंचे हैं।
बीकेयू के मेरठ क्षेत्र के प्रमुख ने कहा, ‘‘ लेकिन सरकार की इस सुरक्षा इंतजाम का क्या मतलब है। कई स्तर की अवरोध व्यवस्था, हमारे सभी ओर सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीलें तार। इंसान को भूल जाइए, कोई जानवर को भी इस तरह नहीं रखता।
इंटरनेट पर रोक
सिंघू बार्डर पर अर्धसैनिक बलों के साथ दिल्ली पुलिस के जवान बड़ी संख्या में तैनात किये गये हैं तथा कई स्तर के अवरोध लगाये गये हैं। पंजाब के अमृतसर के किसान पलविंदर सिंह ने कहा, सरकार ने इंटरनेट पर रोक लगा दी और कंक्रीट डिवाइडर से सड़के बंद कर दीं ताकि जनता को प्रदर्शन के बारे में सूचना नहीं मिले और कोई यहां नहीं आये। भोजन और जलापूर्ति पहले की तरह अच्छी है। स्वच्छता भी सामान्य है। सिंघू बार्डर पर सोमवार को पुलिसर्किमयों के निरीक्षण में श्रमिक सीमेंट के अवरोधकों की दो कतारों के बीच लोहे की छड़ें लगाते हुए देखे गये थे ताकि नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की आवाजाही सीमित की जा सके।