NewsNशा Exclusive : बजट का सच न्यूज़ नशा के साथ लाइव
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन का असर अब संसद में भी दिखाई देने लगा है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन राज्यसभा चेयरमैन ने आज चर्चा से इनकार कर दिया है। कल के बजट सेशन में विपक्षी दलों के नेता ने राज्यसभा में जमकर नारेबाजी की, सरकार मुर्दाबाद के नारों के साथ ही किसान विरोधी काले कानून वापस लेने की गूंज संसद में सुनाई दी। वही आज सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई है।
वही इसको देखते हुए newsnasha की टीम ने भी बजट को लेकर एक लाइव सेशन किया। जिसमे जनता के बजट विषयो को लेकर चर्चा की गई। न्यूज़ नशा के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अनिल सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभय दुबे, CAA अध्य्क्ष नवीन गुप्ता और राज्य सभा के सांसद डॉ अनिल अग्रवाल से बजट से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछे।
सवाल : कांग्रेस का बजट को लेकर क्या कहना है और इसके क्या मायने है जो निर्मला सीतारमण ने इस बजट में प्रस्तुत किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभय दुबे – उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा की इसमें कोई संद्य नहीं है की सरकार किस कठिन समय में यह बजट लेकर आई है। उनका कहना था की सरकार को किसानो और आम जनता को देख कर बजट तय करना चहिए था। मगर सरकार इसमें नाकाम रही। इस बात-चित में उन्होंने मनरेगा में दिए जाने वाले रोज़गार की भी बात की और कहा सरकार को मनरेगा पर बजट कम नहीं करना चाहिए था। पीएम आवास में 40% कटौती , मिड डे मील में कटौती करना पूरी तरह से गलत था।
न्यूज़ नशा का सवाल : क्या इस ऐतिहासिक बजट के लिए क्या जनता आपको मुबारकबाद देगी ?
राज्य सभा के सांसद डॉ अनिल अग्रवाल (BJP) : इस बार जो सरकार ने यह जो बजट पेश किया है इंफ्रास्ट्रक्चर को देख कर किया गया है। इसका फयदा यह होगा जिसमे बहुत से लोगो को रोजगार के अवसर मिलेंगे… तो यह एक सबसे बड़ी बात है। उन्होंने आगे बताया की “बजट का क्या अर्थ है , सरकार की जो आय है उसको सरकार किस तरह से वय कर रही है यही बजट के अंदर आता है, वर्तमान परिस्थि में पेंडेमिक के बाद सरकार के सामने यह बहुत बड़ा प्रश्न था की किस प्रकार व्यवस्था सुचारु रूप से चल सके! पुरे विश्व से बेहद ही कम भारत पर कोरोना जैसे पेंडेमिक का कम प्रभाव पढ़ा है, भारत ने दो वैक्सीन बनाई है”।
न्यूज़ नशा का सवाल : यह जो समाज के तीन वर्ग है – middle class , Lower class and upper class इन लोगो को बजट में क्या मिला है और क्या नुक्सान हुआ है ? और आम इंसान इस बजट को किस रूप में देखने वाला है ?
CAA अध्य्क्ष नवीन गुप्ता : “बजट काफी मुश्किल समय में आया है, covid की वजह से वर्किंग हॉर्स लॉस्ट हो गए, जिसका मतलब है की इस साल काफी लोगो की नौकरिया गई है।”
पिछले बजट में फिस्कल डेफिसिएट का टारगेट सड़े तीन रखा गया था जबकि 10 % हमारी जीडीपी ग्रोथ रखी गई थी और पिछले साल जो हमारी नेगेटिव जीडीपी आई है वो 7.7 % आई है और जो फिस्कल डिफैक्ट आया है वो सड़े 9 परसेंट आया है।
वही आगे की बात चित सुन ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करे… और जाने किस तरह बजट आम लोगो के लिए इस साल लाभ दायक रहेगा।
https://youtu.be/OU-ebam5Ulk