राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बताया छोटे उद्योगों को अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छोटे उद्योगों को अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने का सामर्थ्य इन उद्योगों के पास है।
राष्ट्रपति ने संसद बजट सत्र के आरंभ में दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा के संयुक्त सत्र काे केंद्रीय कक्ष में संबोधित करते हुए कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की आधारभूत ताकत हमारे गांवों और छोटे शहरों में फैले हमारे लघु उद्योग और कुटीर उद्योग हैं।
भारत को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ा सामर्थ्य हमारे इन लघु उद्योगों के ही पास है। देश के कुल निर्यात में इनकी भागीदारी लगभग 50 प्रतिशत है। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के अभियान में छोटे उद्योगाें की भूमिका बढ़ाने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों की परिभाषा में बदलाव हो, निवेश की सीमा बढ़ाना हो या फिर सरकारी खरीद में वरीयता, अब लघु और कुटीर उद्योगों को विकास के लिए ज़रूरी प्रोत्साहन मिला है।
तीन लाख करोड़ रुपए की ‘इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी योजन’, मुश्किल में फंसे छोटे उद्योगों के लिए 20 हजार करोड़ की विशेष योजना और ‘कोषों के कोष’ जैसे प्रयासों ने लाखों लघु उद्यमियों को लाभ पहुंचाया है। जेईएम पोर्टल से देश के दूर दराज वाले क्षेत्रों के छोटे उद्योगों को सरकारी खरीद में पारदर्शिता के साथ-साथ अधिक भागीदारी भी मिल रही है।
उन्होंने कहा, “ मेरी सरकार की यह निरंतर कोशिश है कि उद्यमशीलता का लाभ देश के हर वर्ग को मिले। हुनर हाट और उस्ताद योजना के माध्यम से लाखों शिल्पकारों का कौशल विकास भी किया जा रहा है और उनको रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। इन लाभार्थियों में आधे से अधिक महिला शिल्पकार हैं। ई- हाट के माध्यम से इन शिल्पकारों को पूरी दुनिया के खरीदारों से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में महिला उद्यमियों की विशेष भूमिका है। मेरी सरकार ने महिलाओं को स्वरोज़गार के नए अवसर देने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुद्रा योजना के तहत अब तक 25 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए जा चुके हैं, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं।