प्रदर्शनकारियों ने लालकिले की प्राचीर से फेंका था तिरंगा, पुलिस अधिकार ने ऐसे पकड़ा

 

गणतंत्र दिवस (Republic Day) को लाल किले की प्राचीर से जिस तरह किसान आंदोलन (Farmers protest) के नाम पर उपद्रवियों ने एक धर्म विशेष का झण्डा फहराया था, इसके अलावा किसानों ने वहां से जिस तरह से तिरंगा हटाया था और बाद में जब वह गिर सकता है मगर एक आईपीएस अधिकारी ने उस समय उस झण्डे को पकड़ लिया और देश की आन बान शान को बचाया। उन्होंने तिरंगे को नीचे नहीं गिरने दिया था।

26 जनवरी को आंदोलन हो गया था उग्र

बता दें 26 जनवरी को किसान आंदोलन उग्र हो गया था। जिसमें सैंकड़ो पुलिसकर्मी घायल हुए थे जिसकी वजह से कई जगह तोड़फोड़ भी हुई थी। पुलिस ने इसके बाद कई किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी। इसके अलावा सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार भी किया गया था। पुलिस अब इस पूरी वारदात की जांच कर रही है ताकि हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही की जा सके। पुलिस ने कहा है कि किसान नेताओं ने अपना वादा तोड़ा है इसलिए वह उनके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही करेगी।

किसानों ने मांगी थी माफी

युद्धवीर सिंह ने कहा कि रैली के दौरान में गाजीपुर बॉर्डर के पास था, उपद्रवी हमारे संगठन का हिस्सा नहीं थे। हम इस हिंसा की निंदा करते हैं और पश्चाताप के लिए 30 जनवरी को एक दिन का उपवास भी करेंगे। दिल्ली पुलिस में हमारे भाई हैं, उनके साथ जो कुछ भी घटा उसके लिए हम शर्मिंदा हैं और पुलिस से माफी मांगते हैं। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा गया था कि आंदोलन ट्रैक्टर रैली में हुड़दंगी घुस गए थे। इन लोगों पर नजर रखी जानी चाहिए थी। किसान संगठनों से इस मामले में बहुत बड़ी चूक हुई है।

 

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