शराबबंदी के फैसले को बापू के चंपारण सत्याग्रह से जोड़कर देखना चाहिए- जदयू प्रवक्ता
बिहार, जदयू प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी के फैसले को बापू के चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह से जोड़कर देखा जाना चाहिए। शराब मुक्त भारत बापू के सपनों का भारत है और महात्मा की कर्मभूमि ने शराबबंदी के जरिए बापू को सच्ची श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 47 में शराबबंदी को लेकर प्रावधान किया गया है।
प्रसाद ने कहा कि बिहार की महिलाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्य में शराबबंदी लागू करने की मांग की और उनकी मांग पर ही मुख्यमंत्री ने 01 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी। इस फैसले ने बिहार के गांवों की तस्वीर बदल कर रख दी है। इस निर्णय ने बिहार की महिलाओं के जीवन में नई रोशनी ला दी है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी एक युगांतकारी एवं क्रांतिकारी फैसला है। इससे प्रदेश में घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न, सड़क दुर्घटनाओं जैसे कई मामलों में कमी आई है साथ ही महिलाओं का सशक्तिकरण भी हुआ है।
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जदयू प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी जैसे फैसले इतने आसान होते तो देश मे कई बार इसे बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ती। हरियाणा में वर्ष 1996 में पूर्ण शराबबंदी का फैसला हुआ और 1998 में उसे बदलना पड़ा। वहीं, बिहार में 1977 में शराबबंदी के फैसला हुआ और 1978 में उसे बदलना पड़ा। शराबबंदी को लेकर अपने संकल्प को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनेक अवसरों पर दोहरा चुके हैं कि शराबबंदी के फैसले को वापस लेना असंभव है। जिन मामलों में शिथिलता बरती गई है उस पर कार्रवाई कर दोषियों को दंडित किया जाएगा।