उत्तराखंड : कुम्भ मेले के लिये 5 करोड़ तक के काम कर सकेंगे कमिश्नर
देहरादून : उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को विभिन्न विषयों पर सहमति व्यक्त करने के साथ ही, हरिद्वार में आहूत कुम्भ मेले के दृष्टिगत दो करोड़ रुपये तक के कार्यों के लिये मेला अधिकारी और पांच करोड़ रुपये तक के कार्यों के लिए मण्डलायुक्त (कमिश्नर) को अधिकार प्रदान करने का फैसला किया।
इस सम्बन्ध में मेला अधिकारी को स्वीकृत कार्यों को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के साथ, टैंडर की अवधि सात दिन करने की अनुमति तथा कार्य को दो भाग में विभाजित करने की भी अनुमति प्रदान कर दी गयी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर देर शाम हुई मंत्रिमंडल की बैठक के निर्णयों की जानकारी संवाददाताओं को शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने दी। उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिये संस्कृति शिक्षा के अन्तर्गत 155 शिक्षकों को प्रबंधकीय व्यवस्था के तहत, जो पांच वर्षों से अधिक से पढ़ा रहे हैं, उन्हें 15,000, पांच वर्ष से 10 वर्ष की अवधि से पढ़ा रहे हैं उन्हें 25,000 और जो 10 वर्ष से अधिक समय से पढ़ा रहे हैं, उन्हें 30,000 रूपये प्रतिमाह दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त जो यू.जी.सी मानक के अनुसार पी.एच.डी एम. फिल करने वालों को 5,000 रू. अतिरिक्त धनराशि दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि अब अल्मोड़ा, विकास खण्ड चौखुटिया के अंतर्गत दिगौत स्थित सिंचाई खण्ड रानीखेत की भूमि को केन्द्रीय विद्यालय स्थापना हेतु 0.25 हैक्टेयर की निःशुल्क भूमि दी जायेगी जिसकी लागत 21 लाख 65 हजार है।
श्री कौशिक के अनुसार, कैबिनेट द्वारा राजकोषीय बजट नियोजन एवं संसाधन निदेशालय उत्तराखण्ड में बजट सलाहकार के निसंवर्गीय पद के सृजन एवं उक्त पद के सापेक्ष तैनाती को 28 फरवरी, 2021 तक अनुमति दी गई है।