आम आदमी को ब्याज कटौती में राहत मिलने की उम्मीद कम-RBI
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को दो खरब रुपये की तरलता बाजार को उपलब्ध कराई। हालांकि, इस दौरान केन्द्रीय बैंक ने अगले माह फरवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में कटौती का कोई संकेत नहीं दिया। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार भी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम है।
विशेषज्ञों का कहना है कि खुदरा महंगाई दर में दिसंबर में जरूर गिरावट आई है लेकिन अभी यह चार फीसदी से ऊपर है। दिसंबर में खुदरा महंगाई 4.59 फीसदी रही है। सरकार ने रिजर्व बैंक को महंगाई दर को दो से चार फीसदी के दायरे में दो फीसदी घट-बढ़ के साथ रखने का लक्ष्य दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर में विनिर्मित वस्तुओं के सस्ते होने से महंगाई में गिरावट आई है। ऐसे में रिजर्व बैंक आने वाले महीनों में महंगाई दर में लगातार गिरावट देखने के बाद ही दरें घटाने पर विचार करेगा।
इसके अलावा एक दूसरा संकेत भी मिला है जिससे रिजर्व बैंक की ओर से दरें घटाने की उम्मीद कम है। आरबीआई ने पिछले हफ्ते रिवर्स रेपो दरों से 0.20 फीसदी ऊंची दरों पर नीलामी की है। इससे भी संकेत मिलता है कि केन्द्रीय बैंक फिलहाल दरें घटाने से परहेज करेगा।
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि वित्तीय स्थिरता के लचीलेपन और मजबूती को सभी अंशधारकों को सरंक्षित करना होगा। हमें आर्थिक पुनरोद्धार और वृद्धि को समर्थन देना होगा। हमें वित्तीय स्थिरता का संरक्षण करना होगा।
दास ने जोर देकर कहा था कि मौजूद समय में वास्तविक अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजार में कहीं न कहीं तालमेल की कमी दिखाई दे रही है जिसपर गौर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बैड बैंक पर काफी लंबे समय से विचार चल रहा है।
आप जानते हैं कि रिजर्व बैंक ने संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) के लिए नियामकीय दिशानिर्देश जारी किए हैं। हम बैड बैंक की स्थापना के किसी प्रस्ताव पर भी विचार को तैयार हैं।
– दरों में कटौती का फैसला टाल सकता है आरबीआई
– खुदरा महंगाई दर दिसंबर में चार फीसदी से ऊपर रही
– फरवरी के पहले सप्ताह में होगी रिजर्व बैंक एमपीसी की बैठक