S-400 की खरीद पर अमेरिका की तिरक्षी नजर, क्या भारत पर लगा सकता है प्रतिबंध?
अमेरिका पूरी दुनिया में अपना दबदबा कायम रखना चाहता है। इसीलिए वह भारत द्वारा रूस से खरीदे जाने वाले S-400 एयर डिफेंस सिस्टम्स पर अमेरिका नजरें गड़ाए हुए हैं।
अमेरिका ने भारत से कहा है कि इस बात की संभावना कम है कि उसे रूसी S-400 की खरीद पर छूट दी जाए।
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी दी है। ऐसे में इस बात की आशंका बढ़ गई है कि इसी सिस्टम्स को खरीदने पर तुर्की की तरह का प्रतिबंध भारत पर भी लग सकता है।
ट्रंप प्रशासन भारत से 5 मिसाइल प्रणालियों के लिए 5.5 अरब डॉलर की डील छोड़ने और राजनयिक संकट से बचने को कह रहा है। अमेरिका का कहना है कि नई दिल्ली के पास 2017 के अमेरिकी कानून से व्यापक छूट प्राप्त नहीं है जिसका उद्देश्य रूसी सैन्य साजोसामान खरीदने वाले देशों को रोकना था।
खास बात यह है कि ट्रंप प्रशासन का यह रुख अमेरिका की सत्ता संभालने वाले नए राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन में भी बदले की संभावना नहीं है। उन्होंने तो रूस को लेकर और सख्त अमेरिकी रुख अपनाने की बात कही है। नाम जाहिर न होने की शर्त पर इस चर्चा में शामिल लोगों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी है।
भारत का कहना है कि उसे चीन से बन रहे खतरे का सामना करने के लिए लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की जरूरत है। भारत और चीन अप्रैल से ही सीमा पर आमने-सामने हैं जो पिछले कई दिशकों में सबसे गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
नई दिल्ली ने साफ कहा है कि अपनी रक्षा आपूर्ति को चुनने का उसे अधिकार है। ऐसे में नए अमेरिकी प्रशासन के साथ भी शुरूआत में ही मनमुटाव पैदा हो सकता है।
S-400 सिस्टम्स खरीदने को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है, ‘भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है। और रूस के साथ भारत की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है।’
पिछले दिनों विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत की हमेशा स्वतंत्र विदेश नीति रही है जो इसकी रक्षा खरीद और आपूर्ति पर भी लागू होती है। मंत्रालय की यह टिप्पणी ऐसे समय आई थी जब कुछ दिन पहले अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि रूस से भारत के एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली खरीदने पर उसे अमेरिका की ओर से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।