केंद्र सरकार और किसानों के बीच 10वीं राउंड की बातचीत विज्ञान भवन में जारी
दिल्ली:
कृषि कानूनों पर किसानों का आंदोलन आज 51वें दिन में प्रवेश कर चुका है। हालांकि किसान संगठनों और सरकार के बीच आज 10वीं राउंड की बातचीत दोपहर 12 बजे शुरू हो चुकी है।
इससे पहले बैठक के लिए किसान संगठनों के नेता और कृषि मंत्री विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं , सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी पर जारी विवाद के बीच आज की बैठक अहम मानी जा रही है।
उम्मीद जताई जा रही है कि आज की बातचीत में कोई सहमति बन सकती है।
वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून संसद लेकर आई है और ये वहीं खत्म होंगे।
कानून वापस लेने पड़ेंगे और MSP पर कानून लाना पड़ेगा।
26 जनवरी को किसान परेड निकालेंगे।
उन्होंने अब कहा कि यह परेड राजपथ के बाहर निकलेंगे। किसान लाल किला से इंडिया गेट तक आएंगे, लेकिन राजपथ को डिस्टर्ब नही करेंगे।
एजेंसियों से तालमेल करके चलेंगे, लेकिन किसानों की परेड जरूर निकलेगी।
भारतीय किसान यूनियन के नेता बूटा सिंह ने कहा, ‘आपकी तरह हमें भी संशय था कि आज बैठक होगी या नहीं, लेकिन सरकार ने बैठक की।
हालांकि इस बैठक से हमें बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है। 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।
इसको लेकर 16 जनवरी यानी कल हम तमाम किसान संगठन बैठक करके रणनीति तैयार करेंगे।
इससे पहले जो ट्रैक्टर मार्च था उसमें 10 से 15 हजार ट्रैक्टर थे,
लेकिन 26 जनवरी को जो ट्रैक्टर मार्च निकलेगा उसमें दो लाख से ऊपर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।’
वहीं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, ‘केंद्रीय किसान यूनियन के नेता सुप्रीम कोर्ट से भी बड़े हो रहे हैं।
मंत्रीजी ने लगातार 9 दौर की वार्ता की, गृहमंत्री जी लगातार उनके संपर्क में हैं,
प्रधानमंत्री जी ने भी आश्वासन दिया है, कोर्ट ने कानूनों पर रोक लगा दी है।
यह उनकी जिद है वे इसे छोड़ें।’
इससे पहले केंद्र सरकार के साथ होने वाली 9वें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हुए।
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51 दिन से जारी है प्रदर्शन
टिकरी बॉर्डर पर आज 51 दिन भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा,
“सरकार के साथ हमारी पहले भी 8 बार बैठक हो चुकी है,
जिसमें कोई हल नहीं निकला। किसानों को उम्मीद नहीं है कि इस बार भी बैठक में कुछ निकलेगा।”