अखिलेश यादव बने गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इस वक्त चित्रकूट के दौरे पर हैं और चित्रकूट में वह कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा भी किए और कामधेनु मंदिर में पूजा अर्चना की इसके पहले अखिलेश यादव ईद के मौके पर जब लॉक डाउन का वक्त था उस वक्त मस्जिद में जाकर सभी मुस्लिम भाइयों को और प्रदेश वासियों को ईद की बधाई दी थी
अखिलेश हर उस कार्यक्रम में जाते हैं जहां पर भाईचारा और समाजवाद की बात होती है गंगा जमुनी तहजीब की बात होती है यही कारण है कि अखिलेश का रास्ता गंगा जमुनी तहजीब की ओर चल पड़ता है और यही कारण है उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बनते हुए नजर आ रहे हैं जिस तरीके से अखिलेश कभी साधु-संतों में बैठते हैं तो कभी मुस्लिम धर्म गुरुओं में और कभी सिख समुदाय के बीच
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आपको बता दें कि हाल ही में समाजवादी पार्टी दफ्तर के अंदर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ही मंच पर अयोध्या से आए हुए साधु संत मौजूद थे तो वही अयोध्या से आए हुए मुस्लिम समाज के धर्मगुरु भी अखिलेश के साथ मंच पर बैठे हुए थे साथ में सिख समाज के लोगों ने अखिलेश यादव को पगड़ी भी पहनाई, यह पहला ऐसा नजारा था जहां पर दो धर्मों के धर्मगुरु एक साथ मौजूद थे मगर आपको बता दें कि अखिलेश हमेशा सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं,
समाजवाद की बात करते हैं इसी कारण से अखिलेश के साथ जहां हिंदू समुदाय जुड़ता है तो वहीं पर मुस्लिम समुदाय भी जुड़ता है और देश में सभी समुदाय के लोगों के साथ अखिलेश की सीधी बातचीत होती है इसी कारण की वजह से अखिलेश हर समुदाय के बीच में नजर आते हैं और अखिलेश के कार्यक्रमों से भी यही पता चलता है कि ईद के मौके पर मस्जिद जाने की बात हो या दुर्गा पूजा में देवी का दर्शन करने की बात अयोध्या के साधु संतों के सम्मान की बात हो या मुस्लिम समाज के धर्मगुरु के साथ ईद मिलन हो, सिख समाज के धर्म गुरुओं की जयंती या प्रकाश पर्व हो आपको हर जगह अखिलेश नजर आ जाएंगे यही कारण है कि अखिलेश यादव गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बनते नजर आ रहे हैं