केंद्रीय मंत्री की विपक्ष को सलाह, राजनीति का चश्मा उतारकर कृषि कानूनों को देखे
जोधपुर/जयपुर। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाने पर कांग्रेस पर जोरदार प्रहार किया है। शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी के खेती के तजुर्बे से सोचने के बजाय कांग्रेस देश के आम किसान के बेटे के तजुर्बे से सोचना शुरू करे तो पता चलेगा कि मोदी सरकार कृषि को उत्पादन केंद्रित से लाभकारी कैसे बना रही है।
एक कार्यक्रम में शेखावत ने कहा कि कांग्रेस 8 साल तक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर कोई निर्णय नहीं कर सकी, लेकिन अब कह रही है कि यह निर्णय ठीक से लागू नहीं हुआ है। ए.पी.एम.सी. कानून में सुधार की बात कांग्रेस ने की, लेकिन जब मोदी सरकार ने यही काम किया तो कांग्रेस को आपत्ति है। कांट्रैक्ट फॉर्मिंग को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साल 2016 में ट्वीट किया था कि अगर अकाली सरकार ने इसे रद्द नहीं किया होता तो डेढ़ लाख किसानों की आमदनी तीन गुना हो गई होती। उन्होंने कहा कि आज जब हमने कर दिया है तो कांग्रेस को केवल राजनीतिक द्वेष के कारण इन कानूनों का रंग गलत दिखाई दे रहा है। कांग्रेस इन कानूनों को राजनीति का चश्मा उतारकर देखे और भ्रम फैलाना बंद करे।
उन्होंने कहा कि 4 दिसंबर 2012 को वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने लोकसभा में ए.पी.एम.सी. समाप्त किया जाना चाहिए, इसे लेकर भाषण दिया था, कांग्रेस उसे जरूर देखे। तब यूपीए सरकार में कृषि मंत्री शरद पवार ने मॉडल ए.पी.एम.सी. एक्ट लागू किया जाए, उसके लिए राज्यों को पत्र लिखा था, उसे भी कांग्रेस एक बार उठाकर पढ़ ले। शीला दीक्षित ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते जो बदलाव किए थे, उन्हें भी देख लेना चाहिए। कांग्रेस ने क्यों फल और सब्जियों को डिनोटिफाइ किया, उसे भी उसे देख लेना चाहिए। शेखावत ने तंज कसा कि आप करें तो ठीक है, दूसरा करे तो गलत है।
शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि रिफॉर्म्स पर काम किया है। 22 फसलों पर लागत का 50 प्रतिशत लाभ देना मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया है। हमने केवल एम.एस.पी. ही नहीं बढ़ाया, बल्कि सरकार खरीद को भी बढ़ाया है। इससे पिछले पांच साल में किसानों को 3.25 लाख करोड़ का अतिरिक्त लाभ हुआ है। इस साल किसान की उपज ज्यादा हुई तो सरकार ने 30 प्रतिशत खरीद भी अधिक की है। उन्होंने साफ-साफ कहा कि मोदी सरकार के लिए किसान सम्मानीय है। वो हमारा अन्नदाता है। हमारे लिए बातचीत के रास्ते पहले भी खुले थे, आज भी खुले हैं और आगे भी खुले रहेंगे।
पंजाब-हरियाणा से बाहर भी हैं किसान
उन्होंने कहा कि किसान केवल गेहूं-चावल नहीं पैदा नहीं करता है। पंजाब-हरियाणा के बाहर भी किसान हैं। मूंग, चने, दलहन-तिलहन पैदा करने वाले किसान हैं। कांग्रेस के समय नेफेड को क्रेडिट गारंटी मात्र 3000 करोड़ थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे 50,000 करोड़ से ज्यादा किया। धरातल पर जाकर राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा के किसानों को सुनें। आपके और आपके सहयोगियों के भ्रम फैलाने के बावजूद किसान कहीं भी आपके साथ खड़ा होने को तैयार नहीं है। शेखावत ने कहा कि हमें पूरे देशभर के किसानों के दृष्टिकोण से देखना पड़ेगा, क्योंकि देशभर के संगठन इन कानूनों के पक्ष में बात कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण की सलाह भी दी।